Noida: जेल में बंद नाबालिग की मौत के बाद परिजनों का हंगामा,बोले- शरीर पर कई जगह मिले चोट के निशान

13 अप्रैल को न्यू अशोक नगर के सुमित को चाकू संग गिरफ्तार कर फेज-1 कोतवाली पुलिस ने जेल भेज दिया था। जेल में बंद सुमित की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे आनन-फानन अस्पताल में भर्ती कराया गया यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

By Ravi prakash singhEdited By: Publish:Mon, 24 Apr 2023 09:14 PM (IST) Updated:Mon, 24 Apr 2023 09:14 PM (IST)
Noida: जेल में बंद नाबालिग की मौत के बाद परिजनों का हंगामा,बोले- शरीर पर कई जगह मिले चोट के निशान
जेल में बंद नाबालिग की मौत के बाद परिजनों का हंगामा,बोले- शरीर पर कई जगह मिले चोट के निशान

नोएडा, जागरण संवाददाता। बीते 13 अप्रैल को न्यू अशोक नगर के सुमित को चाकू संग गिरफ्तार कर फेज-1 कोतवाली पुलिस ने जेल भेज दिया था। जेल में बंद सुमित की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे आनन-फानन मेरठ के सरदार बल्लभ भाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

स्वजन का आरोप है कि सुमित नाबालिग था और पुलिस ने वाहवाही लूटने के लिए उसे जबरन बालिग बताकर गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी की सूचना तक स्वजन तक नहीं दी गई। कुछ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही कोतवाली और नोएडा पुलिस की किरकिरी एक अन्य मामले को लेकर हो चुकी है।

सुमित की मौत के बाद स्वजन कोतवाली पहुंचे और करीब एक घंटे तक हंगामा किया। मृतक के भाई विनीत सिंह ने बताया कि सुमित को जबरन पुलिस ने नाबालिग दिखाया है। पहले पुलिस और बाद में जेल में उसे प्रताड़ित किया गया। यह सामान्य मौत नहीं बल्कि हत्या है। स्वजन ने पुलिस और प्रशासन से मामले पर कार्रवाई करने की मांग की है।

इसी मामले को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने भी आवाज मुखर की है और नाबालिग को जेल भेजने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच करने की मांग की है। सोमवार शाम को मृतक का गाजीपुर स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस का लापरवाही का आरोप लगाते हुए सोमवार को मृतक के स्वजन सहित दर्जनों लोग कोतवाली पहुंचे और नारेबाजी की।

आधार कार्ड से लापरवाही आई सामने

स्वजन ने पुलिस को जो आधार कार्ड सौंपा है उसमें सुमित की जन्मतिथि 15 जुलाई 2006 है। शिक्षा प्रमाण पत्र में भी मृतक की जन्मतिथि यही है। चारों तरफ से घिरने के बाद जब नोएडा पुलिस के अधिकारियों से इस मामले को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बाद सुमित ने खुद अपनी आयु 19 साल बताई थी। न्यायालय और जेल में भी यही आयु उसने बताई।

शव पर चोट के निशान होने का आरोप

मृतक के भाई का आरोप है कि जब उसके भाई का शव स्वजन के सुपुर्द किया गया तो शरीर के कई जगह पर चोट के निशान थे। बालों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे किसी ने उसे जबरन खींचा हो। इस मामले को लेकर ट्विटर पर लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। संबंधित अधिकारियों को टैग कर आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सुमित के दो भाई और तीन बहन है। मूल रूप से बिहार के छपरा का सुमित बीते दस सालों से दिल्ली में रह रहा था।

डीसीपी (नोएडा) हरीश चंदर ने बताया कि सभी आरोप निराधार हैं। कानून सम्मत प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन किया गया है। मेडिकल में भी चिकित्सक ने आरोपित की आयु 19 साल बताई है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है।

जेलर जेपी तिवारी ने बताया कि तबीयत खराब होने पर बंदी को जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उसे मेरठ के लिए रेफर किया गया था। न्यायालय से 21 अप्रैल को उसकी रिहाई का आदेश प्राप्त हो गया था। कागज भेजकर अस्पताल प्रबंधन को रिहाई की सूचना दी गई। उसकी सुरक्षा में गए कर्मचारी वापस आ गए थे।

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