मॉल में आपकी गाड़ी का कोई खींच रहा है फोटो तो हो जाए सतर्क, चोरी होने वाली है आपकी कार

ग्रेटर नोएडा में वाहन चोर का पता चला है। पुलिस ने गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की है जिसमें कई चौंकाने वाली बात सामने आई है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 11:56 PM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 12:02 AM (IST)
मॉल में आपकी गाड़ी का कोई खींच रहा है फोटो तो हो जाए सतर्क, चोरी होने वाली है आपकी कार
मॉल में आपकी गाड़ी का कोई खींच रहा है फोटो तो हो जाए सतर्क, चोरी होने वाली है आपकी कार

ग्रेटर नोएडा,जागरण संवाददाता। बिसरख कोतवाली क्षेत्र से पुलिस ने तीन ऐसे आरोपितों को गिरफ्तार किया है जो कि लग्जरी गाडिय़ां चुराते है और उन गाडिय़ों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर अन्य राज्यों में बेचते थे। पकड़े गए आरोपितों में सरगना अब्दुल हकीम केरल का रहने वाला है। पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला है कि आरोपित चोरी की क्रेटा गाड़ी को महज एक से डेढ़ लाख रुपये में बेच देते थे। चोरी के वाहनों के आरोपित फर्जी तरह से कागज बनवा लेते थे। पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश किया। वहां से तीनों को जेल भेज दिया गया है।

टीम बना कर चोरों को पकड़ा

डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि पुलिस को वाहन चोरों के संबंध में सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर बिसरख कोतवाली प्रभारी मुनीष चौहान की टीम ने चेरी काउंटी के समीप से तीन चोरों को धर दबोचा। चोरों की पहचान अब्दुल हकीम निवासी केरल, हिमेश शर्मा निवासी बुलंदशहर व गाजियाबाद के रहने वाले ऋषिपाल सिंह के रूप में हुई है। आरोपितों के कब्जे से चोरी की क्रेटा, फर्जी नंबर प्लेट, बैंकों के क्रेडिट, डेबिट कार्ड और क्रेटा के फर्जी कागजात बरामद किए गए है। पुलिस ने बताया कि अब्दुल चोरी के वाहनों को अन्य राज्यों में अपने नेटवर्क के माध्यम से बेचता था। चोर पिछले तीन साल से चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।

पार्किंग में तलाशते थे नंबर

आरोपित गाड़ी चोरी करने से पहले मॉल की पार्किंग में जाते थे। वहां खड़ी गाडिय़ों की फोटो मोबाइल में खींच लेते थे। इसके बाद सोसायटी के आसपास से उसी मॉडल व रंग की गाड़ी चुराते थे जिनका नंबर वह मॉल में देखकर आते थे। वाहन चोरी करने के बाद आरोपित मॉल में खड़ी गाड़ी का असली नंबर चोरी की गाड़ी पर डाल देते थे।

मिटा देते थे इंजन व चेचिस नंबर

पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला है कि आरोपित चोरी के वाहनों के इंजन व चेचिस नंबर मिटा देते थे। फर्जी कागज बनवाने के साथ ही आरोपित चोरी के वाहनों पर फर्जी इंजन व चेचिस नंबर भी डाल देते थे।

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