एफआइआर दर्ज कराने वाले निवेशकों को रकम मिलने की उम्मीद बढ़ी
बाइक बोट कंपनी के घोटाले का मामला प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के पास पहुंचने के बाद प्रथम एफआइआर दर्ज कराने वाले आठ निवेशकों के लखनऊ स्थित ईडी के सहायक निदेशक के पास बयान दर्ज होने के बाद पीड़ित निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ी है। दादरी के कोट गांव स्थित बाइक बोट कंपनी कार्यालय पर धरनारत निवेशकों में यह भी चर्चा है कि जिन निवेशकों ने एफआइआर दर्ज की है उन्हें ही रकम मिलने की उम्मीद है। जिन निवेशकों ने एफआइआर
राजीव वशिष्ठ, दादरी : बाइक बोट कंपनी के घोटाले का मामला प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के पास पहुंचने के बाद प्रथम एफआइआर दर्ज कराने वाले आठ निवेशकों के लखनऊ स्थित ईडी के सहायक निदेशक के पास बयान दर्ज होने के बाद पीड़ित निवेशकों में खुशी है। दादरी के कोट गांव स्थित बाइक बोट कंपनी कार्यालय पर धरनारत निवेशकों में यह भी चर्चा है कि जिन निवेशकों ने एफआइआर दर्ज की है, उन्हें ही रकम मिलने की उम्मीद है। जिन निवेशकों ने एफआइआर दर्ज नहीं की है, उनका रिकार्ड ईडी में न आने से उनका पैसा नहीं मिल सकेगा, इसलिए धरनारत सभी निवेशकों से एफआइआर दर्ज कराने की अपील का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर लोड कर दिया गया है। मामला ईडी के पास पहुंचते ही निवेशकों में एफआइआर दर्ज कराने की होड़ शुरू हो गई है।
ज्ञात हो कि कोट गांव स्थित बाइक बोट कंपनी के कार्यालय पर सैकड़ों निवेशक अपनी रकम वापसी व आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देश भर के सैकड़ों निवेशक एक जून से धरने पर बैठे हैं। इस मामले में दादरी कोतवाली में अभी तक 46 निवेशक एफआइआर दर्ज करा चुके हैं। इस मामले में पहली एफआइआर दर्ज करने वाले निवेशकों ने ईडी का नोटिस आने के बाद लखनऊ में सात अगस्त को अपने बयान दर्ज कराए, उससे यह बात सामने आई है कि जिन निवेशकों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है, उन्हीं मामलों की ईडी सुनवाई करेगा। इस सूचना से उन निवेशकों की नींद उड़ी हुई है, जिन्होंने अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं कराई है। धरनारत निवेशक दीपक चौधरी ने बताया कि अभी तक दादरी कोतवाली में 46 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। उसके बाद करीब पांच हजार शिकायत एसआईटी सूरजपुर कार्यालय को संलग्न की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों की एफआइआर दर्ज होंगी, वे ही ईडी के रिकार्ड में मान्य होंगी, इसलिए शनिवार को धरनारत निवेशकों से एफआइआर दर्ज कराने की अपील करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर लोड किया गया है। इसके बाद निवेशकों में एफआइआर दर्ज कराने की होड़ शुरू हो गई है। निवेशकों का कहना है कि यदि नजदीकी कोतवाली में उनकी एफआइआर दर्ज नहीं होती तो वह न्यायालय की शरण लेंगे।
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