सोशल मीडिया पर दोस्ती कर ठगी करने वाले चार विदेशी ठग गिरफ्तार

इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती कर महंगे उपहार भेजने का झ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:21 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:21 PM (IST)
सोशल मीडिया पर दोस्ती कर ठगी करने वाले चार विदेशी  ठग गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर दोस्ती कर ठगी करने वाले चार विदेशी ठग गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, नोएडा :

इंटरनेट मीडिया पर दोस्ती कर महंगे उपहार भेजने का झांसा देकर ठगी करने वाले चार अंतरराष्ट्रीय शातिर ठगों को सोमवार को सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस और साइबर सेल की टीम ने दिल्ली से

गिरफ्तारकर लिया। गिरफ्तार किए गए

चारों आरोपी विदेशी मूल के हैं। आरोपितों की पहचान नाइजीरिया निवासी अब्राहम लिकन, जस्टिन बिली, सिलवेस्ट्री और मार्टिन के

रूप में हुई है। इनके पास से घटना में प्रयोग होने वाले चार लैपटाप, 36 मोबाइल, चार इंटरनेट डोंगल, साढ़े तीन लाख रुपये

नकद और चार पासपोर्ट बरामद किए गए हैं।

सभी आरोपित मेडिकल वीजा पर कई साल पहले भारत आए थे और दिल्ली में रहकर ठगी की घटना को

अंजाम दे रहे थे। एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपितों ने कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-28 निवासी एक महिला के साथ करीब 27 लाख रुपये की ठगी की थी। महिला ने संबंधित कोतवाली में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसी मुकदमे के तहत कोतवाली पुलिस लंबे समय से मामले की जांच कर रही थी। ऐसे करते थे अपराध गिरफ्त में आए आरोपित सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बना कर लोगों से दोस्ती करते थे। इसके बाद आरोपितों की ओर से महंगे गिफ्ट भेजने की बात कही जाती थी। कुछ समय बाद पीड़ित व्यक्ति के पास एक आदमी फोन करके खुद को कस्टम का अधिकारी बताता था, और विदेश से गिफ्ट औैर बड़ी मात्रा में पैसे और गहने आने की बात कहता था। साथ में ये भी कहता था कि यह मनी लांड्रिग की श्रेणी में आता है और जेल भेजने की धमकी देता था। इससे डरकर पीड़ित इन ठगों को धन दे देते थे । ठगों ने पीड़ित महिला को 65 हजार पाउंड के हीरे और आभूषण भेजने की बात कहकर 27 लाख रूपये ठग लिए । ठगी का पैसा भेजते थे अपने देश- एसीपी अंकिता शर्मा ने बताया कि ठगी से जो रकम हासिल होती थी तुरंत ही उसका बड़ा हिस्सा आरोपित अपने देश में भेज देते थे। सभी आरोपितों की वीजा की तारीख भी

एक्सपायर हो चुकी है। गरीबों के एकाउंट नंबर से करते थे ठगी- पुलिस को जो बैंक अकाउंट मिले हैं वह रिक्शेवाले और मजदूरों के हैं। आरोपित

गरीबों को कुछ पैसे देकर उनकी केवाईसी हासिल कर लेते थे। फिर उन्हीं के एकाउंट नंबर से ठगी की जाती थी। जिनके नाम से एकाउंट होता था,उन्हें पता ही नहीं होता था कि उनके खाते से ही पैसे का लेनदेन हो रहा है। अभी तक आठ ऐसे एकाउंट मिले हैं जिससे पैसों का लेनदेन हो रहा था। अमीर लोग होते थे निशाने पर- कोतवाली प्रभारी मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्यों के निशाने पर ज्यादातर अमीर घरों की महिलाएं होती थीं। आरोपित उन महिलाओं को निशाना बनाते थे जो अकेली होती थीं।

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