हक नहीं मिला तो प्राधिकरण के काम रोकेंगे किसान

इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा किसानों 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा समाप्त करने के निर्णय के फैसले का जिले के किसान संगठन विरोध कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन भानू के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को दनकौर स्थित कैंप कार्यालय पर बैठक का आयोजन किया। इससे पहले मंगलवार व भाकियू अंबावता के कार्यकर्ताओं ने यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक डा. अरुणवीर सिंह को ज्ञापन देकर हाईकोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन (अंबावता) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को ज्ञापन देकर हाई कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 07:31 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 07:31 PM (IST)
हक नहीं मिला तो प्राधिकरण के काम रोकेंगे किसान
हक नहीं मिला तो प्राधिकरण के काम रोकेंगे किसान

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : भारतीय किसान यूनियन भानु ने यमुना प्राधिकरण पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजे को लेकर हाई कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदेश सरकार से इस संबंध में जल्द कदम उठाने का आग्रह किया। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें अतिरिक्त मुआवजे से वंचित किया गया तो वह प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माण कार्य नहीं होने देंगे।

संगठन की दनकौर कैंप कार्यालय में हुई बैठक में किसानों ने कहा कि प्राधिकरण हाई कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने को उन्हें झूठे आश्वासन देता रहा, लेकिन कोर्ट में उसने ठोस पैरवी नहीं की। इस कारण हाई कोर्ट ने 64.7 फीसद मुआवजे के प्रदेश सरकार के शासनादेश को अवैध करार दिया है।

संगठन के उपाध्यक्ष अजब सिंह कसाना ने प्राधिकरण ने किसानों की जमीन का औने पौने दाम में अधिग्रहण किया था। इसकी भरपाई करने के लिए प्रदेश सरकार ने 64.7 फीसद मुआवजा व दस फीसद भूखंड देने का फैसला किया था। केवल 70 फीसद किसानों ही अतिरिक्त मुआवजा मिल पाया है। बचे किसान मुआवजे के लिए प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता महकार नागर ने प्रदेश सरकार व प्राधिकरण ने किसानों के हित में फैसला नहीं किया तो संगठन प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेगा। जिलाध्यक्ष राजीव नागर ने चेतावनी दी कि जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा। किसान प्राधिकरण को क्षेत्र में निर्माण कार्य नहीं करने देंगे। संगठन ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर विरोध दर्ज कराने का भी फैसला किया। इस मौके पर महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष गीता भाटी, जगदीश शर्मा, करतार म्याना व राजकुमार नागर उपस्थित रहे।

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