आयुर्योग एक्सपो : योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा पर विशेषज्ञों ने रखे विचार

इंडिया एक्सपो मार्ट में चल रहे आयुर्योग एक्सपो के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया। इस दौरान भारतीय योग योग विज्ञान व चिकित्सा पद्धति पर चर्चा की गई। इसमें आर्युर्वेद योग और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े योगी गुरू और विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसका आयोजन हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद इंडिया योग एसोसिएशन ऑल इंडिया आयुर्वेदिक कांग्रेस सेंटर फॉर इनोवेशन इन साइंस एंड सोशल एक्शन भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा और योग स्नातक मेडिकल एसोसिएशन संयुक्त रूप से कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Nov 2019 07:55 PM (IST) Updated:Sat, 09 Nov 2019 06:33 AM (IST)
आयुर्योग एक्सपो : योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा पर विशेषज्ञों ने रखे विचार
आयुर्योग एक्सपो : योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा पर विशेषज्ञों ने रखे विचार

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : इंडिया एक्सपो मार्ट में चल रहे आयुर्योग एक्सपो के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया। इस दौरान भारतीय योग, योग विज्ञान व चिकित्सा पद्धति पर चर्चा की गई। इसमें आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े योगी, गुरू और विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसका आयोजन हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद, इंडिया योग एसोसिएशन, ऑल इंडिया आयुर्वेदिक कांग्रेस, सेंटर फॉर इनोवेशन इन साइंस एंड सोशल एक्शन, भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा और योग स्नातक मेडिकल एसोसिएशन संयुक्त रूप से कर रही है।

इस दौरान यूरोपियन योगा कन्फेडरेशन के अध्यक्ष अमृता सूर्यानंद महाराज ने देश-विदेश से आए लगभग 200 प्रतिनिधियों के लिए योगा सत्र का आयोजन किया। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन हरिद्वार के निदेशक डॉ. शिर्ले टेल्स ने साइकोफिजियोलॉजी ऑफ योगा एंड इट्स एप्लिकेशनल विषय पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में हुए शोध से पता चलता है कि योग शरीर की क्रियाओं और मन को प्रभावित करता है। यह जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में डिपार्टमेंट ऑफ जनरल ऑन्कोलॉजी एंड बिहेविरल साइंस में प्रोफेसर डॉ. लोरेंजो ने कहा कि योगिक लाइफस्टाइल के जरिये कैंसर के मामलों में 25 फीसद कमी के साथ इसके इलाज की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आज पहले से कहीं अधिक लोगों को कैंसर हो रहा है। अच्छी खबर यह है कि इसको रोका जा सकता है। दूसरे सत्र में समूह चर्चा हुई। यह गैर-संक्रामक रोगों के लिए आयुष को जोड़ने के विषय पर आधारित था। इसमें आयुर्वेदाचार्य संचालन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. जीजी गंगाधरन ने गैर-संक्रामक रोगों के एकीकरण के लिए एक पुल निर्माण अभ्यास की शुरुआत करने का आह्वान किया। सीसीआरएएस के उप निदेशक डॉ. एन श्रीकांत ने आयुर्वेद के ज्ञान को अपनाने और समाहित करने पर जोर दिया। इस दौरान डॉ. अरुण गुप्ता, डॉ. वदिराजा एचएस, डॉ सिजिथ श्रीधर उपस्थित रहे।

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