ध्वस्तीकरण की कार्ययोजना 15 दिन में होगी तैयार, तीन माह में लागू

जागरण संवाददाता नोएडा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) के तकनीकी अध्ययन के बाद एड

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 10:04 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 10:06 PM (IST)
ध्वस्तीकरण की कार्ययोजना  15 दिन में होगी तैयार, तीन माह में लागू
ध्वस्तीकरण की कार्ययोजना 15 दिन में होगी तैयार, तीन माह में लागू

जागरण संवाददाता, नोएडा :

केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) के तकनीकी अध्ययन के बाद एडफिस (अमेरिकन कंपनी) को एमराल्ड कोर्ट के सियान-एपेक्स टावर गिराने से पहले 200 मीटर का एरिया (15 टावरों) खाली कराना होगा। इसके बाद कंपनी को साढ़े छह माह दोनों टावरों के ध्वस्तीकरण व मलबा हटाने में लगेगा। हालांकि इस समय अंतराल को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बढ़ाया या घटाया जा सकता है, लेकिन फैसला एक सप्ताह बाद होने वाले कोर्ट की सुनवाई में होगा। चूंकि अभी सुपरटेक ने एडफिस के साथ ध्वस्तीकरण का अनुबंध नहीं किया है, ऐसे में फाइनल तिथियों का जारी होना बाकी है।

सुपरटेक की ओर से चयनित एडफिस कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण को प्रस्ताव दिया था कि दोनों टावरों को गिराने के लिए 15 दिन में कार्ययोजना को तैयार करने, तीन माह लागू करने और ध्वस्तीकरण में लगेगा। तीन माह ध्वस्त टावरों का मलबा हटाने और स्थान को साफ करने में लगेगा। दोनों टावरों को विस्फोटक के जरिये गिराया जाएगा। इस पर सीबीआरआइ ने तकनीकी अध्ययन करने के बाद एडफिस कंपनी को सुझाव दिया था कि कार्रवाई को अंजाम देने से पहले एमराल्ड कोर्ट के 15 टावरों में बने 650 फ्लैट में रहने वाले 2500 से अधिक लोगों से फ्लैट खाली करना होगा। ध्वस्तीकरण के लिए 200 मीटर का क्षेत्र खाली करने की आवश्यकता है। कार्रवाई के बाद सुरक्षा और स्ट्रक्चर जांच के बाद ही सभी लोगों को उनके फ्लैटों में वापस भेजा जाएगा। चूंकि 16 व 17 नंबर टावर को ही ध्वस्त किया जाना है। ले आउट प्लान के तहत इन दोनों टावरों की दूरी अन्य टावरों से 9 से 18 मीटर ही है। इमारतों को ध्वस्त करने से पहले हवा का बहाव काफी महत्वपूर्ण होगा। कोशिश रहेगी कि जब इमारतों को ध्वस्त किया जाए तो हवा की दिशा अन्य टावरों के विपरीत हो। ताकि 15 से 20 मिनट तक बनने वाले हवा के गुबार का असर अन्य टावरों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर न पड़े। इमारतों को ध्वस्त करने से पहले ट्रैफिक डायवर्जन, विद्युत निगम और प्रदूषण विभाग की एनओसी अनिवार्य होगी। मलबा हटाने की टाइमलाइन निर्धारित करनी होगी, जिससे यहां पर रहने वालों पर प्रदूषण का कम से कम असर पड़े। टावर ध्वस्त कर चुकी हैं कंपनी

अमेरिकन कंपनी एडफिस दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को ध्वस्त कर चुकी है। इस इमारत की दूसरी इमारत से दूरी आठ मीटर थी जोकि कंपनी के लिए काफी पेचीदा काम था। यहां भी टावरों की दूरी की यही स्थिति है। इसके अलावा कंपनी कोच्चि में भी इमारत को ध्वस्त कर चुकी है।

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