कोरोना, डेंगू के साथ कदमताल कर रहा ब्लैक फंगस

कोरोना के नए वैरिएंट के खौफ के बीच ही जिले में फंगस का भी खतर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:42 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 08:42 PM (IST)
कोरोना, डेंगू के साथ कदमताल कर रहा ब्लैक फंगस
कोरोना, डेंगू के साथ कदमताल कर रहा ब्लैक फंगस

मोहम्मद बिलाल, नोएडा :

कोरोना के नए वैरिएंट के खौफ के बीच ही जिले में फंगस का भी खतरा बरकरार है। कोरोना, डेंगू के साथ ब्लैक फंगस भी कदमताल कर रहा है। यथार्थ अस्पताल में पिछले सप्ताह ब्लैक फंगस के शिकार एक मरीज की मौत भी हुई है। वहीं एक युवक के लक्षण दिखने के बाद डायग्नोस की प्रक्रिया जारी है।

यथार्थ अस्पताल के ईएनटी रोग विशेष डा. बी वागीश पाडियार ने बताया कि ब्लैक फंगस गंभीर फंगल इंफेक्शन है जो म्यूकोरमाइसेट्स नामक फफूंदी जमने से होता है। आमतौर पर यह हवा, मिट्टी या कीड़े लगे कार्बनिक पदार्थ में होता है। यह साइनस, ब्रेन या फेफड़ों को संक्रमित करता है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद यह फंगस कोरोना मरीजों और रिकवर हो चुके लोगों में देखा जा गया था। लेकिन वर्तमान में बढ़े हुए मधुमेह व दूसरी बीमारियों का शिकार लोगों में ब्लैक फंगस देखने को मिल रहा है। इस वर्ष अबतक पोस्ट कोविड सहित दूसरी बीमारी का शिकार 35 लोगों का उपचार किया गया है। करीब एक सप्ताह पूर्व ब्लैक फंगस का शिकार मरीज की इलाज के दौरान मौत हुई थी। वहीं एक युवक के लक्षण दिखने के बाद उसकी जांच कराई जा रही है। फंगस से संक्रमित होने पर, उसके लक्षणों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है अन्यथा परेशानी हो सकती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में इस वर्ष फंगस के 100 से अधिक मिले हैं। इनमें 11 की मौत हुई है। पिछले एक माह में एक भी नए मरीज की पुष्टि नहीं हुई। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. सुनील दोहरे का कहना है कि हाल के दिनों में फंगस का एक भी नया मरीज रिपोर्ट नहीं हुआ है। मधुमेह के शिकार लोगों को खतरा अधिक :

जिन लोगों की पहले से ही इम्युनिटी कमजोर है या जिन्हें मधुमेह है, उन्हें ब्लैक फंगस इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा है। माथे पर सूजन और सिरदर्द, चेहरे के एक तरफ सूजन, नाक के आसपास कालापन, आंखों से धुंधला दिखाई देना, छाती में दर्द, खांसी या सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियां इसके लक्षण हैं। यथार्थ, शारदा, जेपी, फोर्टिस, मेट्रो अस्पताल में ब्लैक फंगस के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। वहीं सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा जिम्स में है। फंगस की बीमारी में एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन काम आता है।

chat bot
आपका साथी