तीन कंपनियों पर एसआइबी छापा, वैट चोरी की आशंका

कुंदन तिवारी, नोएडा वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) ने शुक्रवार को नोएडा की तीन कं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Mar 2017 01:09 AM (IST) Updated:Sat, 25 Mar 2017 01:09 AM (IST)
तीन कंपनियों पर एसआइबी छापा, वैट चोरी की आशंका
तीन कंपनियों पर एसआइबी छापा, वैट चोरी की आशंका

कुंदन तिवारी, नोएडा

वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) ने शुक्रवार को नोएडा की तीन कंपनियों पर छापेमारी की। तीनों कंपनियों पर बड़े पैमाने पर वैल्यू एडड टैक्स (वैट) की चोरी की आंशका जताई जा रही है। हालांकि अभी टैक्स चोरी का आकलन अधिकारियों की ओर से नहीं किया जा सका है, क्योंकि कार्रवाई देर रात तक जारी थी। इसमें कंपनियों के लेखा जोखा के दस्तावेजों को कब्जे में लेने का काम किया जा रहा था। अधिकारियों ने इतना अवश्य स्पष्ट किया गया है कि यह कार्रवाई मुख्यालय के निर्देश पर हुई है। तीनों कंपनियां एक ही व्यक्ति की हैं।

वाणिज्यकर अधिकारियों के मुताबिक

शुक्रवार की दोपहर अचानक मुख्यालय के निर्देश पर एडिशनल कमिश्नर एसआइबी प्रदीप यादव के निर्देशन में एसआइबी अधिकारियों की तीन छापामार टीमों का गठन किया गया। दोपहर साढ़े चार बजे पहली टीम डिप्टी कमिश्नर एसआइबी अरूण शंकर राय के नेतृत्व में सेक्टर-31 के सी-7/10 स्थित कविता इलेक्ट्रॉनिक्स पर गई। दूसरी टीम अतिरिक्त कमिश्नर एसआईबी देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में सेक्टर-7 के ई-47 स्थित काडीलॉक्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, तीसरी टीम डिप्टी कमिश्नर दया शंकर सिंह के नेतृत्व में सेक्टर-8 के ई-18 स्थित कविता इंटरप्राइजेज पर पहुंची। छापामार टीम पहुंचने के बाद कंपनी में अफरा-तफरी का महौल हो गया। देखते ही देखते छापे की सूचना से औद्योगिक सेक्टर में हड़कंप मच गया। पहली टीम को कुछ भी हाथ नहीं लगा। यहां कंपनी का किसी भी प्रकार का कामकाज नहीं हो रहा था। सिर्फ चार कुर्सी व मेज मौके से मिले। बाकी दोनों जगहों पर कंपनी का कामकाज संचालित होता पाया गया। कंपनी इलेक्ट्रिक वायर हार्नेस से बने उत्पाद (टेलीफोन के वायर) का निर्माण व बिक्री करती है। पिछले कई माह से कंपनी की प्रत्येक गतिविधि पर मुख्यालय के आरएंडडी टीम के अधिकारियों की पैनी नजर थी। कंपनी पिछले तीन माह से बिना वैट चुकाए सामान खरीद व बेच रही थी, जिसके साक्ष्य अधिकारियों को हाथ लग गये।

कार्रवाई मुख्यालय के निर्देश पर हुई है। बड़े पैमाने पर वैट चोरी की आंशका है। तीनों कंपनी एक ही व्यक्ति की है। कंपनी ने कितना वैट का नुकसान किया है। इसका आकलन जब्त दस्तावेजों की जांच के बाद पता चलेगा।

प्रदीप यादव, एडिशनल कमिश्नर (एसआइबी), गौतमबुद्ध नगर

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