विभागीय कमी से खनन माफिया के लिए खुला रास्ता

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जिले में खनन ठेके छूटने में देरी की वजह से अवैध खनन को बढ़ावा मिल रह

By Edited By: Publish:Sun, 29 Mar 2015 07:04 PM (IST) Updated:Sun, 29 Mar 2015 07:04 PM (IST)
विभागीय कमी से खनन माफिया के लिए खुला रास्ता

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : जिले में खनन ठेके छूटने में देरी की वजह से अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है। विभागीय लापरवाही की वजह से खनन के ठेके छोड़ने के लिए निविदा प्रक्रिया की समय सीमा को दो बार आगे बढ़ाना पड़ा है। बालू की मांग पूरी करने के लिए खनन माफिया अवैध रूप से नदी में खनन कर लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं।

जिले में निर्माण कार्य के चलते बालू की जबरदस्त मांग है। वहीं खनन के ठेके आवंटित करने में खनन विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। जिले में पांच जगहों को खनन के लिए चिन्हित किया गया था, लेकिन वन विभाग ने दो जगहों के लिए ही अपनी अनापत्ति दी। इन जगहों पर ठेके के लिए खनन विभाग ने फरवरी में निविदा निकाली थी। इसमें भी खनन माफिया विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों पर हावी रहा। विभागीय अधिकारियों की वजह से लोग निविदा ही नहीं डाल पाए। डीएम ने निविदा की समय सीमा बढ़ाकर मार्च तक कर दी। एक बार फिर खनन विभाग की कारगुजारी के चलते लोगों को निविदा डालने का मौका नहीं मिल पाया। अब निविदा की समय सीमा को अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

ठेके न छूटने की वजह से खनन माफिया चांदी काट रहा है। यमुना नदी में धड़ल्ले से अवैध खनन कर निर्माण साइट पर सप्लाई किया जा रहा है। एक रात में ही अवैध खनन से माफिया लाखों के वारे न्यारे कर लेता है। वहीं खनन माफिया का अधिकारियों व कर्मचारियों में भी खौफ है। वह हमला करने में गुरेज नहीं करते। पूर्व में भी छापा मारने गए अधिकारियों पर भी खनन माफिया हमला कर चुके हैं।

हालांकि जिलाधिकारी एनपी सिंह ने अवैध खनन रोकने के लिए एडीएम प्रशासन चंद्र शेखर के नेतृत्व में टास्क फोर्स गठित की है। इसमें प्रशासन व पुलिस के अधिकारी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा खनन माफिया पर गैंगस्टर व गुंडा एक्ट के तहत भी निरुद्ध करने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद जिले में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

टास्क फोर्स अवैध खनन रोकने के लिए नियमित रूप से छापेमारी कर रही है। अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा।

चंद्र शेखर, एडीएम प्रशासन

chat bot
आपका साथी