प्रमाण-पत्र जारी करने के विरोध में धरना, प्रदर्शन
गडरिया पाल बघेल को एससी प्रमाण पत्र देने का विरोध।
मुजफ्फरनगर : गडरिया, पाल, बेघल को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र देने के विरोध में मंगलवार को विभिन्न संगठनों ने राजकीय इंटर कालेज के मैदान में धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
मंगलवार को जीआइसी के मैदान पर गडरिया, पाल, बेघल को अनुसूचित जाति प्रमाण-देने के खिलाफ धरने का आह्वान किया था। इस कार्यक्रम में वाल्मीकि क्रांति दल, संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ समिति, खटीक महासभा, बामसेफ, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, एससी/एसटी वेलफेयर एसोसिएशन, डॉ. भीमराव आंबेडकर बौद्ध ट्रस्ट आदि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आवाज बुलंद की। धरनास्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने गडरिया, पाल, बघेल जाति को धनगर जाति मानकर अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्र जारी किए जाने पर रोष जताया। सभा के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया गया। ज्ञापन में कहा गया कि प्रमुख सचिव उप्र ने 24 जनवरी को गडरिया, पाल, बघेल को धनगर की उपजाति मानकर उनको अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं, जो असंवैधानिक है। उक्त जातियों के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्रों को तत्काल निरस्त करने व 24 जनवरी के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया कि एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में एससी/एसटी समाज द्वारा दो अप्रैल-2018 को किए गए प्रदर्शन के दौरान जिले में तीन निर्दोष अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को रासुका में निरुद्ध करने की बात कही गई। इनके खिलाफ मुकदमें वापस लेकर उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों में दीपक गंभीर, श्रवण मोगा, फूल कुमार, प्रदीप कुमार, जयप्रकाश, बाबूराम व जीतेंद्र आदि शामिल रहे। जीआइसी मैदान में भारी संख्या में पुलिस तैनात
24 जनवरी के शासनादेश को लागू करने की मांग को लेकर गत दिवस धनगर समाज के लोगों ने शहर में कलक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन, कई जगह रास्ता जाम व ट्रेन रोकी थी। मंगलवार को विभिन्न संगठनों 24 जनवरी के शासनादेश को निरस्त करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन के बवाल की आशंका को लेकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूले हुए थे। तीन थानों की पुलिस व कई ट्रक पीएसी तैनात रही।