थाने से की जा रही थी शांति की अपील.. लोग नदारद

रोज-रोज की शांति समिति की बैठकों से लोग दूरियां बनाने लगे हैं। हालात ऐसे हो चुके है कि छह दिसंबर जैसे दिन को लेकर पुलिस द्वारा थाने में आयोजित बैठक में मात्र दस से बारह जिम्मेदार ही पहुंचे। लोगों ने अपील सुनने के बजाए बैठक से दूरी बना ली। किराए पर मंगवाई गई कुर्सियों का ढ़ेर भी नहीं खुल पाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 06:32 PM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2019 06:32 PM (IST)
थाने से की जा रही थी शांति की अपील.. लोग नदारद
थाने से की जा रही थी शांति की अपील.. लोग नदारद

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। रोज-रोज की शांति समिति की बैठकों से लोग दूरियां बनाने लगे हैं। हालात ऐसे हो चुके है कि छह दिसंबर जैसे दिन को लेकर पुलिस द्वारा थाने में हुई बैठक में महज दस से बारह जिम्मेदार ही पहुंचे। लोगों ने अपील सुनने के बजाय बैठक से दूरी बना ली। किराए पर मंगवाई गई कुर्सियों का ढेर भी नहीं खुल पाया।

शुक्रवार को छह दिसंबर है। कोई इसे शौर्य तो कोई काला दिवस के रूप में मनाता है। इसे लेकर कस्बा व देहात के जिम्मेदार लोगों की प्रभारी निरीक्षक ने बुधवार दोपहर थाने में बैठक बुलवाई, लेकिन लोगों ने इससे दूरी बनाए रखी। कस्बे के अलावा करीब 33 गांवों से कुल दस से बारह लोग ही बैठक में पहुंचे। पुलिस ने इन लोगों को पंफलेट पढ़वाकर शांति की अपील करते हुए अपनी ड्यूटी पूरी कर ली है। बैठक में कुल दो प्रधान, एक सभासद व कुछ व्यापारी ही पहुंचे। किराए पर मंगवाई गई कुर्सियों के ढेर जस की तस रखा रहा।

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ब्लॉक में मीटिग और शादियों का सीजन होने से लोग काफी व्यस्त हैं। जितने लोग आए थे। उनसे पंफलेट के माध्यम से शांति की अपील की गई।

- हरशरण शर्मा, प्रभारी निरीक्षक।

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