सवर्णो के आरक्षण को बताया चुनावी स्टंट
वक्ताओं ने कहा, आर्थिक आधार पर सभी को मिले आरक्षण का लाभ।
मुजफ्फरनगर : लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने सवर्णो को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। केंद्रीय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। सवर्ण समाज समेत भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इसका स्वागत किया है। वहीं, विपक्षी पार्टियों ने इसे चुनावी स्टंट करार दिया है।
रालोद के जिलाध्यक्ष अजीत राठी का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री को सवर्णो की याद आई है। वह आरक्षण के विरोध में नहीं है, लेकिन राजनीतिक लाभ लेने के लिए आरक्षण को हथियार न बनाया जाए। सवर्णो समेत सभी जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए।
भाजपा जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी का कहना है कि भाजपा सरकार का यह अच्छा निर्णय है। गरीब किसी भी समाज में हो सकते और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना ही चाहिए। दूसरे वर्गो का आरक्षण प्रभावित और चैलेंज नहीं किया गया है। आर्थिक आधार पर आरक्षण से गरीबों को फायदा मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के जिलाध्यक्ष राहुल गोयल का कहना है कि मोदीजी का फैसला स्वागत योग्य है। इससे गरीब सवर्णो के रहन सहन का स्तर उठेगा। सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश का कोटा बढ़ेगा। संविधान के समानता के अधिकार को बल मिलेगा।
सपा के महानगर उपाध्यक्ष निधीश राज गर्ग का कहना है कि स्वर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण की बात मोदी सरकार ने की है। अच्छी बात है, लेकिन जब मोदी की सरकार बनी थी तब भी बहुत सारे वादे किए थे, जो अभी तक पूरे नहीं हुए। केवल जनता से जुमलेबाजी की गई। अब लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है तो आरक्षण याद आ गया।