खतरे के निशान पर गंगा, खादर में अलर्ट

मानसून के मौसम में गंगा उफान पर बह रही है। रामराज क्षेत्र में गंगा खतरे के निशान तक पहुंच गई है। हरिद्वार क्षेत्र से छोड़े गए पानी के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। इस पर सिचाई विभाग के साथ बाढ़ चौकियों के कर्मचारियों को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। गांवों में रात्रि के समय में भी चौकसी बरतने को कहा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jul 2020 12:04 AM (IST) Updated:Tue, 21 Jul 2020 06:12 AM (IST)
खतरे के निशान पर गंगा, खादर में अलर्ट
खतरे के निशान पर गंगा, खादर में अलर्ट

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मानसून के मौसम में गंगा उफान पर बह रही है। रामराज क्षेत्र में गंगा खतरे के निशान तक पहुंच गई है। हरिद्वार क्षेत्र से छोड़े गए पानी के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। इस पर सिचाई विभाग के साथ बाढ़ चौकियों के कर्मचारियों को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। गांवों में रात्रि के समय में भी चौकसी बरतने को कहा गया है।

पहाड़ों पर हो रही वर्षा के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। सोमवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। रामराज के मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। यहा गंगा बैराज पर स्थित कंट्रोल रूम पर तैनात सिचाई विभाग के अधिकारियों ने सोमवार सुबह गंगा बैराज के अपस्ट्रीम में गंगा का जलस्तर 221.50 मीटर व डाउनस्ट्रीम में 218.70 मीटर व गंगा नदी में 31767 क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की गई। हरिद्वार क्षेत्र से 48311 क्यूसेक जल गंगा में छोड़ा गया है। इसके बाद शाम को बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिदु 219 मीटर से मात्र 20 सेंटीमीटर नीचे 218.80 मीटर पर पहुंच गया। बैराज से डाउनस्ट्रीम में 33922 क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त बैराज से 7400 क्यूसेक जल मध्य गंगा नहर में छोड़ा जा रहा है।

इन गांवों में अलर्ट की चेतावनी

गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा पनपता है। बाढ़ से अहमदवाला, हंसावाला, स्याली, रेहड़वा, महमूदपुर मूंगर, चूहापुर, लालपुर-रेहडवा, नया गांव के साथ करीब 14 गांवों में बाढ़ का खतरा रहता है। इस कारण यहां अलर्ट किया गया है। गंगा के आसपास बनाई गई बाढ़ चौकियों को भी चौकन्ना किया गया है।

पानी में बहकर आए हिरण, बचाए गए

मीरापुर : वन्य जीव अभयारण्य के मंध्य गंगा बैराज पर हिरण का झुंड पहुंच गया। यहां पर तेज बहाव के कारण ज्यादातर हिरण बैराज के पुल से आगे की ओर बह गए जबकि सात हिरण बैराज के गेट व गंगा के बीच रेतीले टापू पर फंस गए। सिचाई विभाग व वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बैराज के गेट में फंसे हिरणों को गेट खुलवाकर व नाव की मदद से बचा लिया। वन क्षेत्राधिकारी मनोज वलोदी ने बताया कि गंगा में बहकर आए सात हिरणों को रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत बचा लिया गया।

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