स्वदेशी उत्पाद की मांग बढ़ी, बेचने का तरीका सीखें

खतौली खंड विकास कार्यालय पर स्वरोजगार के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। घरेलू व स्वदेशी उत्पाद बनाने और उनकी मार्केटिंग के टिप्स दिए गए। ट्रेनर ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ रही है। बाजार के हिसाब से महिलाएं उत्पाद तैयार करें और उन्हें बेचने का हुनर सीखें। इससे वह आर्थिक संकट से उबर सकती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 11:51 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 11:51 PM (IST)
स्वदेशी उत्पाद की मांग बढ़ी, बेचने का तरीका सीखें
स्वदेशी उत्पाद की मांग बढ़ी, बेचने का तरीका सीखें

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली खंड विकास कार्यालय पर स्वरोजगार के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। घरेलू व स्वदेशी उत्पाद बनाने और उनकी मार्केटिंग के टिप्स दिए गए। ट्रेनर ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ रही है। बाजार के हिसाब से महिलाएं उत्पाद तैयार करें और उन्हें बेचने का हुनर सीखें। इससे वह आर्थिक संकट से उबर सकती हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंजाब नेशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार संस्थान-मोरना के निदेशक विनोद मोहन ने कहा कि छोटा स्वरोजगार करने से महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बना सकती हैं। उत्पाद तैयार करने और उसे बाजार में बेचने की पूर्ण जानकारी होनी आवश्यक है। इस दौरान खतौली में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत 10 दिवसीय अगरबत्ती व धूपबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण शुरू किया गया। मढ़करीमपुर, तिगाई तथा सठेड़ी गांवों से स्वयं सहायता समूह की 35 महिलाओं का चयन किया गया। बीडीओ रत्नाकर सिंह, एडीओ सतीश कुमार तथा संदीप कुमार ने प्रशिक्षण की बारीकियां बताई। ट्रेनर संदीप ने कहा कि वर्तमान में स्वदेशी घरेलू व व्यावसायिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है। इसके लिए महिलाएं उत्पाद की बिक्री करने का तरीका सीखें और स्वरोजगार को आगे बढ़ाएं।

प्रदूषण बेकाबू, नियत्रंण को कवायद

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की तमाम कवायद के बाद भी प्रदूषण बढ़ रहा है। दीपावली के बाद बढ़े प्रदूषण पर थोड़े नियंत्रण के बाद फिर से जिले का एक्यूआइ 300 से अधिक पर पहुंच गया। हालांकि गुरुवार को थोड़ा घटकर प्रदूषण अधिक खराब श्रेणी में जरूर पहुंचा, लेकिन 350 एक्यूआइ की स्थिति अभी भी लोगों की सेहत खराब करने वाली श्रेणी में है।

दीपावली से पहले जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 के आसपास चल रहा था, लेकिन दीपावली की आतिशबाजी के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स उछाल के साथ 400 के करीब पहुंच गया था, जिससे जिले का प्रदूषण गंभीर श्रेणी में दर्ज होने लगा था। प्रदूषण नियत्रंण को बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारियों ने सड़कों पर पानी का छिड़काव और औद्योगिक इकाइयों पर जुर्माने की कार्रवाई कर थोड़ी राहत दिलाई, लेकिन फिर से प्रदूषण बढ़ गया। बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 387 तक पहुंचा था, जिसने फिर से जिला प्रशासन की चौंका दिया। हालांकि गुरुवार को एक्यूआइ थोड़ा घटकर 350 तक पहुंचा, जो अधिक खराब श्रेणी में दर्ज होता है। प्रदूषण की स्थिति अधिक खराब श्रेणी में आने से प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड ने फिर से सड़कों पर पानी का छिड़काव कराना शुरू कर दिया, ताकि सड़कों पर उड़ता हुआ डस्ट जल्द से जल्द जमीन पर बैठाकर प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि प्रदूषण नियत्रंण के लिए औद्योगिक इकाइयों सहित अन्य स्थानों पर कार्रवाई कर जुर्माना लगाया जा रहा है। सड़कों पर पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है, ताकि प्रदूषण के कण जल्दी से दब जाएं।

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