अहंकार मनुष्य के पतन का कारण : कथाव्यास

पौराणिक तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित शुकदेव आश्रम में विश्व शांति सेवा ट्रस्ट द्वारा चल रही श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास धर्मरत्न शांति दूत देवकी नंदन मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Jun 2019 11:54 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jun 2019 11:54 PM (IST)
अहंकार मनुष्य के पतन  का कारण : कथाव्यास
अहंकार मनुष्य के पतन का कारण : कथाव्यास

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित शुकदेव आश्रम में विश्व शांति सेवा ट्रस्ट द्वारा चल रही श्रीमद्भागवत कथा का शुक्रवार को समापन हो गया। इस मौके पर कथा व्यास देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने कहा कि गुरु और गुरु के द्वारा दिया गया मंत्र ही एकमात्र भौतिक जगत से पार करने का साधन है। राधा नाम ही हमारा धन है, जो कभी नष्ट नहीं होगा। नष्ट होने वाली वस्तुओं की तरफ आकर्षण नहीं होना चाहिए। जो इस लोक में भी रहे और परलोक में भी रहे, उसी वस्तु का संग करना चाहिए। अहंकार मनुष्य के पतन का कारण है, इसलिए अहंकार त्यागकर गुरु के द्वारा दिए गए मंत्र से अपना कल्याण करें।

शुकदेव पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने कहा कि शुकदेव तीर्थ सभी के लिए सुलभ है और विश्व में एकमात्र भागवत पीठ के नाम से स्थापित है। यहां किसी प्रकार का कोई भी प्रतिबंध नहीं है। छोटे-बड़े का भेद नहीं है। सभी इस दिव्य पीठ के मालिक हैं। ईश्वर ने हमें सेवा का मौका दिया है। अत: हम अपनी भूमिका निभा रहे है। भागवत कथा एकमात्र ऐसी कथा है जिसकी श्रवण मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। मुख्य यजमान दिल्ली के मुकेश पांडेय ने भागवत पीठ का पूजन किया। कथा में मुख्य रूप से महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष पंडित संजीव शंकर, एसपी अग्रवाल, जेपी सिघल, सुरेश गोयल जयपुर, सतीश गर्ग आगरा, विजय शर्मा आदि मौजूद रहे।

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