शिवरात्रि नौ को, जलाभिषेक समय सुबह 2.10 बजे से

आद्र्रा नक्षत्र में सुबह 2.10 से 8.24 बजे तक जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय। शिव व शिवा के संगम काल रात 10.45 बजे जलाभिषेक करना फलदायी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Aug 2018 11:57 PM (IST) Updated:Mon, 06 Aug 2018 11:57 PM (IST)
शिवरात्रि नौ को, जलाभिषेक समय सुबह 2.10 बजे से
शिवरात्रि नौ को, जलाभिषेक समय सुबह 2.10 बजे से

मुजफ्फरनगर : शिवरात्रि नौ अगस्त को है। त्रयोदशी सुबह 2.10 बजे प्रारंभ होने के साथ ही जलाभिषेक शुरू हो जाएगा, जो 10 अगस्त की शाम 7.08 बजे तक होगा। आद्र्रा नक्षत्र में नौ अगस्त की सुबह 2.10 से 8.24 बजे तक जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय है। शिव व शिवा के संगम काल रात 10.45 बजे जलाभिषेक करना विशेष फलदायी माना गया है।

श्रावण मास की शिवरात्रि शिव को अत्यंत प्रिय है। शिवरात्रि पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है। विष्णुलोक संस्थापक ज्योतिषविद् पं. विष्णु शर्मा का कहना है कि नौ अगस्त को भोर में दो बजकर 10 मिनट पर त्रयोदशी प्रारंभ हो जाएगी और शिवभक्त इसी समय से जलाभिषेक प्रारंभ कर देंगे। सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक आद्र्रा नक्षत्र है। आद्र्रा नक्षत्र शिव को अत्यंत प्रिय है। अत: सुबह 2.10 बजे से 8.24 बजे तक जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय है। आद्र्रा नक्षत्र अवधि में जल चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा होती है। कुछ भक्त त्रयोदशी में जल चढ़ाते हैं जबकि कुछ भक्त चतुर्दशी में भी जलाभिषेक करते हैं। 9 अगस्त को त्रयोदशी रात्रि 10 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी। त्रयोदशी और चतुर्दशी के संगम काल में जल चढ़ाने से शिव और शिवा दोनों की पूजा हो जाती है। शिवभक्त को दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह संगम जल चढ़ाने के लिए उत्तम व विशेष फलदायी है। 10 अगस्त को चतुर्दशी शाम 7.08 बजे तक रहेगी। अत: जलाभिषेक नौ अगस्त की सुबह से शुरू होकर 10 अगस्त की शाम 7 बजकर 08 मिनट तक होगा। शिवरात्रि के दिन ओम नम: शिवाय: का उच्चारण करते हुए शिव¨लग पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शर्करा व गंगाजल), बेलपत्र, कनेर, सफेद आखा, धतूरे के फल, कमल गट्टा व नीलकमल चढ़ाकर पूजन करें।

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