दंगल और सुल्तान ने डाल दी अखाड़ों में जान

मुरादाबाद (मुस्लेमीन): पहलवानों पर बनी दंगल और सुल्तान फिल्म ने अखाड़ों में जान डाल दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 01 Sep 2018 11:22 AM (IST) Updated:Sat, 01 Sep 2018 11:22 AM (IST)
दंगल और सुल्तान ने डाल दी अखाड़ों में जान
दंगल और सुल्तान ने डाल दी अखाड़ों में जान

मुरादाबाद (मुस्लेमीन): पहलवानों पर बनी दंगल और सुल्तान फिल्म ने अखाड़ों में जान डाल दी है। रामपुर के कई अखाड़ों में आसपास के ही नहीं, बल्कि देशभर के पहलवान दांव लगा रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और नेपाल तक के पहलवान रामपुर में कुश्ती लड़ने आ रहे हैं। दम दिखा रहे पहलवान

रामपुरी चाकू दूर- दूर तक मशहूर है। कई हिंदी फिल्मों में भी रामपुरी चाकू का इस्तेमाल किया गया है। रामपुरी चाकू की तरह रामपुर के पहलवान और अखाड़े भी दूर-दूर तक मशहूर रहे हैं, लेकिन बदलते दौर के साथ अखाड़ों में दिलचस्पी कम होती चली गई। युवा अखाड़े में दांव आजमाने के बजाय क्रिकेट खेलने लगे, लेकिन दंगल और सुल्तान फिल्म ने फिर से अखाड़ों में जान डाल दी है। पिछले माह क्रीड़ा भारती ने पटवाई में दंगल कराया। क्रीड़ा भारती के मंडल प्रमुख बलवीर सिंह ने बताया कि 15 से 25 जुलाई तक चले दंगल में राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के 50 से ज्यादा पहलवान शामिल हुए। कानपुर और दिल्ली की महिला पहलवान भी आईं। चन्दौसी के दिलशाद पहलवान ने पहले नंबर पर रहकर मोटर साइकिल जीती। दूसरे नंबर पर कोठरा पंजाब के मौसम अली रहे। सैदनगर के लालपुर गाव में भी दंगल चल रहा है। इसमें मेरठ, कानपुर, कलियर और अजमेर के भी पहलवान आ रहे हैं। धनोरी में 53 साल से दंगल

मिलक के धनोरी गाव में 1965 से बाबा भूरी वाले की झडी के नाम से दंगल हो रहा है। इस दंगल की एक कमेटी भी बनी है। कमेटी के सदस्य सरदार लखबिंदर सिंह बताते हैं कि बाबा भूरी वाले की झडी के नाम से लाहौर (पाकिस्तान) में भी दंगल होता रहा। उनके बुजुर्ग पहले लाहौर में रहते थे। बंटवारे के दौरान हिंदुस्तान आ गए। पहले पंजाब में रहे और फिर यहा धनोरी में आकर बसे। उनके दादा ने यहा भी दंगल शुरू करा दिया। हर साल चार व पाच नवंबर को दंगल होता है। इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और नेपाल के करीब दो सौ पहलवान आते हैं। झडी जीने वाले को पचास हजार रुपये तक इनाम दिया जाता है। दूसरे तीसरे स्थान पर रहे पहलवानों को भी पुरस्कृत किया जाता है। जब से दंगल और सुल्तान फिल्म आई हैं, तब से कुश्ती में रुझान बढ़ा है। अब गाव के बच्चे और युवा अखाड़े में कुश्ती के दाव सीख रहे हैं। शाहदरा में विराट दंगल

स्वार के धनपुर-शाहदरा में भी कई वर्ष से गणतंत्र दिवस पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय एकता विराट दंगल का कराया जाता है। दंगल के आयोजन में मुख्य भूमिका गाव के प्रधान मुंसफ अली समेत दर्जनों ग्रामीण निभाते हैं। इस दंगल में स्थानीय पहलवानों के अलावा, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, मेरठ, राजस्थान आदि समेत देश के विभिन्न राज्यों से नामी पहलवान शिरकत करने आते हैं। दंगल में पहलवानों के दावपेच देखने के लिए जनपद के अलावा आसपास के जिलों के कुश्ती प्रेमियों का जमावबाड़ा रहता है।

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