पुलिस चौकी में दुष्‍कर्म पीडि़ता की पिटाई करने वाले ग्राम प्रधान को जेल, पुलिस ने धाराओं में किया खेल

ग्राम प्रधान ने एक महिला से अवैध संंबंध बना लिए। अपने पास रखा लेकिन बाद में छोड़ दिया। चौकी के पुलिस के सामने में पीडि़ता की पिटाई भी कर दी थी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 05 Sep 2020 08:41 AM (IST) Updated:Sat, 05 Sep 2020 08:41 AM (IST)
पुलिस चौकी में दुष्‍कर्म पीडि़ता की पिटाई करने वाले ग्राम प्रधान को जेल, पुलिस ने धाराओं में किया खेल
पुलिस चौकी में दुष्‍कर्म पीडि़ता की पिटाई करने वाले ग्राम प्रधान को जेल, पुलिस ने धाराओं में किया खेल

मुरादाबाद,  जेएनएन। पुलिस चौकी में दुष्‍‍‍‍‍कर्म पीडि़ता के साथ मारपीट करने वाले ग्राम प्रधान को पुलिस ने जेल भिजवा दिया। एक गांव निवासी मौजूदा ग्राम प्रधान विजय पाल सिंह ने गांव की ही एक महिला के पति के जेल में रहने के दौरान उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ रखा और उसके साथ अवैध संबंध बनाए। बाद में उसे धोखा दे दिया। इस मामले में पीड़िता ने मुकदमा दर्ज कराया। वह बीते दिन स्योंडारा चौकी पर बयान दर्ज कराने के लिए आई थी। इसी बीच ग्राम प्रधान व उसके साथियों ने उसे बुरी तरह से पीटा। मामले में फजीहत होती देखकर पुलिस ने आरोपी ग्राम प्रधान को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को उसे जेल भेज दिया।

अब पीड़िता ने एसएसपी से गुहार लगाई है कि ग्राम प्रधान को गिरफ्तार तो किया गया लेकिन, उस पर लगाई गई धाराओं में खेल किया गया है। महिला ने आरोप लगाया कि तत्कालीन इंस्पेक्टर ने पहले उसे समझौते का झांसा दिया बाद में पैसे लेकर हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। पीड़िता ने इस प्रकरण की जांच कराने की मांग उठाई है।

ग्राम प्रधान ने पुलिस से मिलकर कराया था गर्भपात

ग्राम प्रधान द्वारा यौन शोषण करने के मामले में पीड़िता का पुलिस ने ग्राम प्रधान से मिलकर ढाई महीने का गर्भपात भी कराया था। तत्कालीन इंस्पेक्टर पर दुष्कर्म पीड़िता ने आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना था कि इंस्पेक्टर ने ग्राम प्रधान से मामले में फैसला कराने के नाम पर दो लाख रुपये लिए थे। पिछले पांच साल से ग्राम प्रधान विजय पाल सिंह झांसा देकर उसके साथ दुष्‍कर्म करता चला आ रहा था। तत्कालीन इंस्पेक्टर गजेंद्र त्यागी के सामने मामला आया तो दोनों को बुलाकर इंस्पेक्टर ने फैसला कराने के लिए पीड़िता से हामी भी भरवा दी थी। इस मामले में पीड़िता को हर्जाना बतौर राशि देने के अलावा बच्चों के संरक्षण का वायदा भी किया था, मगर तत्कालीन इंस्पेक्टर ने दो लाख लेकर  पीड़िता का ढाई महीने का गर्भपात करा दिया। बिलारी के मोबाइल मार्केट के पास स्थित अल्ट्रासाउंड केंद्र पर पीड़िता का अल्ट्रासाउंड कराया गया।

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