जीएसटी रिफंड ने फिर बढ़ाई निर्यातकों की परेशानी

मुरादाबाद : हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन और लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमंडल ने एडि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Jul 2018 02:36 AM (IST) Updated:Thu, 19 Jul 2018 02:36 AM (IST)
जीएसटी रिफंड ने फिर बढ़ाई निर्यातकों की परेशानी
जीएसटी रिफंड ने फिर बढ़ाई निर्यातकों की परेशानी

मुरादाबाद : हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन और लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमंडल ने एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन वाणिज्य कर से मुलाकात की। इस दौरान निर्यातकों के रिफंड नहीं होने का मुद्दा उठाया गया। मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स ऐसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल ने कहा कि कुछ समय तक ठीक से चलने के बाद व्यवस्था फिर गड़बड़ हो गई है। जीएसटी लागू होने के नौ दस महीने बाद रिफंड मिलना शुरू हुआ। रिफंड के लिए शुरू किया गया आनलाइन सिस्टम चालू नहीं हो पाने के कारण तीस जून तक मैन्युअल व्यवस्था की गई। तीस जून के बाद की फाइलें अटकीं

तीस जून को मैन्युअल सिस्टम पर रोक लगा दी गई और आनलाइन सिस्टम शुरू नहीं हो पाया। सिस्टम बंद तो कर दिया गया उसके बाद फाइल जहां थी, जैसी थी 18 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उपाध्यक्ष शरद बंसल ने कहा कि पिछले 18 दिनों में भेजी गई 300 से अधिक फाइलों की स्थिति स्पष्ट नहीं है। इन फाइलों से सौ करोड़ रुपये अधिक फंस गए हैं। पीक टाइम में हो रही पूंजी की दिक्कत

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कहा कि यह समय निर्यातकों का कारोबार के लिहाज से पीक टाइम है। इस समय क्रिसमस और नए साल के लिए बुक हुए आर्डर की शिपमेंट रवाना हो रही हैं और आगे काम समय से पूरा करना है। ऐसे में करोड़ों रुपये फंस जाने से कार्य प्रभावित हो रहा है। दस्तकारों और लेबर को भुगतान करना मुश्किल है। एलयूबी के सचिव अतुल भूटानी ने कहा कि निर्यातक ऐसे भी हैं जिन्हें एक भी रुपये का रिफंड नहीं मिल पाया है। वहीं नजमुल इस्लाम मांग रखी कि भुगतान की निर्धारित समय सीमा का पालन किया जाए। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन ने बताया कि रिफंड की आनलाइन व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में मैन्युअल सिस्टम दोबारा शुरू किया जाएगा। एक दो दिन में इसका आदेश आने वाला है बस उसका इंतजार हो रहा है। बाकी उन्होंने जो मांगे रखी हैं उसमें जल्द सुधार कराया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल में रवि अरोड़ा, अंशुल अग्रवाल, नदीम खान, डॉ. शाहिद, इफ्तखार, परवेज सहित बड़ी संख्या में निर्यातक मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी