सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या, कार्रवाई में देरी पर एसपी निलंबित
सम्भल के रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव में दो दिन पहले सामूहिक दुष्कर्म के बाद महिला को ¨जदा जलाकर मार देने के मामले में आखिरकार पुलिस अधीक्षक आरएम भारद्वाज पर गाज गिर ही गई। एसपी इस पूरे घटनाक्रम की नजाकत को भांप नहीं सके और इसे हल्के ढंग से लिया। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद जिम्मेदार बीट के दारोगा तथा सिपाही को लाइन हाजिर करने में एसपी ने 13 घंटे से ज्यादा का समय ले लिया।
मुरादाबाद : सम्भल के रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव में दो दिन पहले सामूहिक दुष्कर्म के बाद महिला को ¨जदा जलाकर मार देने के मामले में आखिरकार पुलिस अधीक्षक आरएम भारद्वाज पर गाज गिर ही गई। एसपी इस पूरे घटनाक्रम की नजाकत को भांप नहीं सके और इसे हल्के ढंग से लिया। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद जिम्मेदार बीट के दारोगा तथा सिपाही को लाइन हाजिर करने में एसपी ने 13 घंटे से ज्यादा का समय ले लिया। इतना ही नहीं जब मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने अपने बयान में न केवल पीड़िता का नाम उजागर कर दिया बल्कि उसके गांव तक की पहचान भी बता दी। शासन स्तर पर यह सभी ¨बदु प्रारंभिक जांच के विषय बने और अंतत: एसपी को निलंबित होना पड़ा।
ये है पूरा मामला
बता दें कि दो दिन पहले रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव में महिला की ¨जदा जलाकर हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं वहशी द¨रदों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया था। सामूहिक दुष्कर्म के ठीक बाद महिला ने अपने भाई को फोन करके संपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराया था, तथा यह भी बताया था कि किन-किन लोगों ने उसके साथ गलत काम किया। इस घटना के तत्काल बाद ही महिला का भाई कुछ लोगों को लेकर गांव में भी आ गया, लेकिन तब तक वह महिला जलाकर मार दी गई थी। पूरे घटनाक्रम में सीधे तौर पर रजपुरा के थानेदार, बीट सिपाही, बीट दारोगा जिम्मेदार थे लेकिन एसपी गांव में पहुंचे तो इन पर सीधी कार्रवाई करने के बजाय सामूहिक दुष्कर्म की घटना को ही दबाने का प्रयास शुरू हो गया। जब तहरीर गैंगरेप की मिली और मीडिया में मामला उजागर हो गया तो पुलिस को गैंग रेप का मुकदमा दर्ज करना पड़ा।
एडीजी बरेली ने किया था दौरा
घटना के अगले दिन जब एडीजी बरेली प्रेम प्रकाश ने सम्भल का दौरा किया और घटनास्थल देखा तो अंतत: एसपी को जिम्मेदार दारोगा व सिपाही लाइन हाजिर करने पड़े। हालांकि एसपी ने सोमवार को त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी करा लिया था, लेकिन उनके निलंबन से बचने के लिए यह भी सरकार ने उपयुक्त नहीं माना।