मुरादाबाद मंडल में मध्य नहर के लिए जमीन खरीद में आई तेजी, अमरोहा के क‍िसान खड़ी कर रहे मुश्किलें

बिजनौर अमरोहा सम्भल और मुरादाबाद के करीब चार लाख किसानों को लाभ पहुंचाने वाली मध्य गंगा नहर परियोजना द्वितीय चरण का काम दिसम्बर 2021 तक पूर्ण होना है। इस नहर से 1.46 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 05:40 AM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 05:58 AM (IST)
मुरादाबाद मंडल में मध्य नहर के लिए जमीन खरीद में आई तेजी, अमरोहा के क‍िसान खड़ी कर रहे मुश्किलें
अमरोहा के किसानों को जमीन लेने के लिए मनाना सबसे मुश्किल।

मुरादबाद, जेएनएन। शासन से 350 करोड़ रुपये मिलने के बाद मध्य नहर के लिए जमीन खरीदने में तेजी आई है। अमरोहा के किसानों से जमीन लेना सबसे मुश्किल हो रहा है। वजह यह है कि जिन खेतों से होकर नहर को गुजरना है, उनके कई-कई मालिक हैं। किसानों से सहमति बनाकर सिंचाई विभाग के अधिकारी प्रतिदिन 25 हेक्टेयर जमीन ही खरीद पा रहे हैं।

बिजनौर, अमरोहा, सम्भल और मुरादाबाद के करीब चार लाख किसानों को लाभ पहुंचाने वाली मध्य गंगा नहर परियोजना द्वितीय चरण का काम दिसम्बर 2021 तक पूर्ण होना है। इस नहर से 1.46 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। मुरादाबाद में 16569 हेक्टयेर, सम्भल में 70917 हेक्टेयर, अमरोहा में 59046 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। परियोजना पर सरकार 4417.21 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। परियोजना को पूरा करने के लिए हाल ही में सरकार ने 350 करोड़ रुपये दिए हैं। इससे 250 हेक्टेयर जमीन की खरीद होनी है। लेकिन, किसान जमीन देने में आनाकानी कर रहे हैं। जमीन खरीद में सबसे बुरा हाल अमरोहा का है। वर्ष 2018-19 में 375 हेक्टेयर भूमि क्रय की गयी, जिसकी प्रगति को तेजी से बढ़ाते हुए वर्ष 2019-20 में 742 हेक्टेयर भूमि क्रय की गई है। वर्तमान वर्ष 2020-21 में कोविड महामारी के कारण लाॅकडाउन होने पर भी 235 हेक्टेयर भूमि क्रय की गयी है। इस दौरान 122 किलोमीटर नहर का निर्माण हुआ एवं 157 पक्के कार्य पूर्ण कराए गए। मध्य गंगा नहर के अधीक्षण अभियंता केएम कंसल ने बताया कि नहर के लिए किसानों से जमीन खरीदने का काम चल रहा है। चारों जिलों के प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है। प्रशासन के सहयोग से किसानों से सहमति बन रही है, उनकी जमीन के बैनामा हाे रहे हैं। रोजाना 25 हेक्टेयर जमीन की खरीद हो रही है। जमीनों की खरीद में किसानों के नाम, पिता के नाम आदि की भी दिक्कत आ रही है। एक खेत में कई खातेदार हैं। खातों को दुरुस्त कराकर जमीनों के बैनामे कराए जाने का काम चल रहा है। 

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