जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के ल‍िए खींचतान शुरू, मुरादाबाद में आपस में भ‍िड़े भाजपा नेता, तीन मुकदमे दर्ज

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ब्लाक प्रमुख बनने को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। भाजपा के अंदर चल रही गुटबाजी अब खुलेआम नजर आने लगी है। इसका नजारा मूंढापांडे थाना परिसर में देखने को मिला।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 12:39 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 12:39 PM (IST)
जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के ल‍िए खींचतान शुरू, मुरादाबाद में आपस में भ‍िड़े भाजपा नेता, तीन मुकदमे दर्ज
पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा नेताओं के बीच चल रही खींचतान।

मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ब्लाक प्रमुख बनने को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। भाजपा के अंदर चल रही गुटबाजी अब खुलेआम नजर आने लगी है। इसका नजारा मूंढापांडे थाना परिसर में देखने को मिला। करीब पांच घंटे तक मूंढापांडे थाने में हंगामे की स्थिति बनी रही। मारपीट, गाली-गलौज के साथ ही जमकर धक्का-मुक्की भी हुई। वहीं इस मामले में पुलिस केवल मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही। दोनों पक्षों की ओर से पांच अलग-अलग तहरीर दी गईं। पुलिस ने तीन तहरीर का संज्ञान लेकर मुकदमा दर्ज किया। इन तीन मुकदमों में भाजपा के पूर्व विधायक प्रत्याशी, उनके बेटे के साथ ही मंडल अध्यक्ष व पूर्व ब्लाक प्रमुख के खिलाफ केस दर्ज क‍िया गया है।

एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि मूंढापांडे थाने में पहला मुकदमा भाजपा के मंडल अध्यक्ष रंजीत ठाकुर ने दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि बुधवार देर रात टोल प्लाजा में उनकी गाड़ी को रोककर छह लोगों ने मारपीट करने के साथ ही 25 हजार रुपये लूट लिए। उन्होंने इस मामले में भाजपा नेता ठाकुर रामवीर सिंह, विक्की ठाकुर, जितेन्द्र, जयसिंह लोधी, पवन के साथ ही एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जबकि, इसी घटना में दूसरे पक्ष के विक्की ठाकुर ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनके साथ टोल प्लाजा में गाड़ी रोककर मंडल अध्यक्ष रंजीत ठाकुर, पिज्जू, नरेश व ललित कौशिक व एक अज्ञात ने मिलकर 25 हजार रुपये की लूट के साथ सोने की चेन लूट ली। इस घटना के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया था। गुरुवार को सुबह करीब दस बजे मूंढापांडे थाने में विक्की ठाकुर पहुंचे थे। आरोप है कि जिस समय उन्हें मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था, उसी समय फिर उन पर आरोपित मंडल अध्यक्ष ने मारपीट की। इस तीसरे मुकदमे में कुल म‍िलाकर दस लोगों को आरोपित बनाते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के साथ ही सात लोगों का चालान करने की कार्रवाई की।

समझौता कराने पहुंचे पूर्व जिलाध्यक्ष से अभद्रता

मुकदमे की जानकारी होते ही मूंढापांडे थाने में सुबह से समर्थक जुटने लगे थे। इसी दौरान भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश सिंह मूंढापांडे थाने पहुंचे थे। उनके साथ ही जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह चौहान भी मौजूद थे। पूर्व जिलाध्यक्ष ने थाने में हो रहे विवाद को खत्म करने के लिए भाजपा नेताओं से बातचीत शुरू की। लेकिन इसी दौरान किसी ने सूचना दी कि दूसरे पक्ष के लोगों ने सुनयपाल नाम के व्यक्ति को पकड़कर पिटाई कर दी है। इसके बाद समझौते की टेबल पर बैठे नेता आपस में भिड़ गए। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनके साथ अभद्रता की गई। जिसके बाद वह थाने से उठकर चले आए थे।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

मूढ़ापांड़े थाने में विवाद की चिंगारी भड़कने लगी थी। इसके बाद भी कोरोना जैसी महामारी में थाने में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। थाने में भाजपा नेता एक-दूसरे गालियां देने के साथ ही मारपीट के लिए दौड़ते नजर आए। लेकिन पुलिस केवल मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही। इंटरनेट मीडिया में कई ऐसे वीडियो हैं, जिसे देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि अगर पुलिस सक्रिय होती तो यह विवाद इतना बढ़ता ही नहीं।

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