बंकर की तरह मजबूत है नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम Rampur News

रामपुर इतिहास के जानकार शाहिद महमूद खां का कहना है कि स्ट्रांग रूम में शाही खजाना रखा जाता था इसलिए इसे बहुत मजबूत बनाया गया है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 09 Feb 2020 11:45 AM (IST) Updated:Sun, 09 Feb 2020 11:45 AM (IST)
बंकर की तरह मजबूत है नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम Rampur News
बंकर की तरह मजबूत है नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम Rampur News

रामपुर(मुस्लेमीन)। नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम भी बंकर की तरह मजबूत है। इसे बनाने के लिए लंदन की छब कंपनी के इंजीनियर रामपुर आए थे। इसमें जर्मनी की उस स्टील का इस्तेमाल किया गया, जिससे फौज के टैंक बनाए जाते हैं। इसपर अगर बम बरसाए जाएं, तब भी इसपर कोई असर नहीं होगा। इसी लिए गैस कटर से भी नहीं कट पा रहा है। तीन दिन में केवल तीन चादरें ही कट सकी हैं। आखिर इस स्टील में कौन-कौन सी धातु मिली हैं, अब इसकी भी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही इसे काटा जाएगा। नवाबी दौर में इसी स्ट्रांग रूम में शाही खजाना रखा जाता था, इसलिए इसे बेहद मजबूत बनाया गया है। अब इसमें जो भी खजाना निकलेगा, उसका भी बंटवारा किया जाएगा।

इसमें है नवाबों की अरबों की संपत्ति

नवाब खानदान में इन दिनों बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। नवाबों की अरबों रुपये की संपत्ति है, जिसके 16 हिस्सेदार हैं। पांच माह पहले सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है। उन्होंने इसके लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किए हैं, जो नवाब खानदान के सदस्यों के साथ संपत्ति का सर्वे व मूल्यांकन कराने में लगे हैं।

इसी कोठी में नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम

नवाब खानदान की कोठी खासबाग का भी सर्वे हो रहा है। इसी कोठी में नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम है, जिसमें शाही खजाना रहता था। अब स्ट्रांग रूम को भी खोला जा रहा है। इसमें जो खजाना निकलेगा, उसका भी बंटवारा होगा। लेकिन, स्ट्रांग रूम इतना मजबूत है कि गैस कटर से भी नहीं कट पा रहा है। इसकी चाबी गुम हो गई हैं, इसलिए इसे गैस कटर से काटा जा रहा है। करीब 20 गुणा 20 फीट में लोहे से बना स्ट्रांग रूम बेहद मजबूत है। यह कई धातु मिली लोहे की चादरों की परतों से बना है।

तीन दिन में मात्र कट सकी तीन चादरें ही

तीन दिन में इसकी तीन चादरें ही कट सकी है। तीनों चादरे 16-16 एमएम की हैं। इसे काटने में लगे कारीगर भी थक गए हैं। उन्होंने आगे काम करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। अब इसके सेंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। लोहे की टेङ्क्षस्टग करने वाले परफेक्ट टेस्ट हाउस गुरुग्राम में सेंपल भेजे गए हैं। लैब में जांच होगी कि इस लोहे में कौन-कौन सी धातु मिली हैं। इसके बाद इसे काटने के लिए उसी तरीके को अपनाया जाएगा, जिससे वे धातु कट सकें।

लंदन से आए थे इंजीनियर

पूर्व सांसद बेगम नूरबानो बताती हैं कि स्ट्रांग रूम उनके ससुर नवाब रजा अली खां ने बनवाया था। इसे बनाने के लिए लंदन की चब कंपनी के इंजीनियर रामपुर आए थे। यह जर्मीन स्टील से बना है। इसी स्टील से सेना के टैंक बनते हैं। यह इतना मजबूत है कि इसपर बम का भी असर नहीं होता।

रामपुर इतिहास के जानकार शाहिद महमूद खां का कहना है कि स्ट्रांग रूम में शाही खजाना रखा जाता था, इसलिए इसे बहुत मजबूत बनाया गया है। बताया जाता है कि यह मैटेलिक मिक्सचर से बना है, जिसमें एलाय स्टीलयानी धातुओं का मिक्सचर शामिल है। इसे गैस कटर से काटने में भी दिक्कत आती है। दरअसल यह पिघलकर झिरी में भरता रहता है।

सबसे पहले 23 जनवरी को स्ट्रांग रूम काटने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन पांच घंटे में कुछ भी नहीं कट सका। इसके बाद इसे काटने के लिए मुरादाबाद व दिल्ली से मैकेनिक बुलाए गए। छह फरवरी को 16 एमएम स्ट्रांग रूम काटा गया, जबकि सात फरवरी को 32 एमएम काटा गया।

अब बाद में कटेगा स्ट्रांग रूम

एडवोक्ट कमिश्नर सौरभ सक्सेना का कहा है कि स्ट्रांग रूम बहुत मजबूत है। इसे काटने के लिए तीन दिन गैस कटर चलाया गया, लेकिन अभी तक नहीं कट सका है। अब इसे बाद में कटवाया जाएगा। इससे पहले नवाब खानदान की आरमरी में रखे हथियारों का सर्वे और मूल्यांकन कराया जाएगा।  

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