सांड़ के गुस्‍से से ब‍िखर गईं परिवार की खुशियां, पुलिस कर्मी के फोन करते ही बेहोश हो गई मां

मां रो-रोकर कर रही थी कि कहां चला गया मेरा लाल उसे ले आओ। बुधवार को दोपहर 140 बजे जैसे ही शव घर पहुंचा तो वहां मौजूद कोई भी व्यक्ति आंसू नहीं रोक पाया।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 02 Sep 2020 08:43 PM (IST)
सांड़ के गुस्‍से से ब‍िखर गईं परिवार की खुशियां, पुलिस कर्मी के फोन करते ही बेहोश हो गई मां
सांड़ के गुस्‍से से ब‍िखर गईं परिवार की खुशियां, पुलिस कर्मी के फोन करते ही बेहोश हो गई मां

मुरादाबाद, जेएनएन। टीडीआइ सिटी के पंडित राजीव कुमार शुक्ला के बेटे अपार शुक्ला उर्फ भरत ने जींस के कपड़ों की सिलाई करके बाजार तक पहुंचाने के लिए फैक्ट्री लगवाई थी। इसके बाद अपार अपने पैरों पर खड़े हो गए थे। स्वजनों ने अपार शुक्ला के लिए लड़की देखनी शुरू कर दी थी। दादा पंडित विशेष शुक्ला, दादी शारदा देवी चाहते थे कि जल्द ही उनसे पौत्र की जल्द ही दुल्हनिया आए। लेकिन एक हादसे में बाइक सांंड़ से टकरा गई तो गुस्‍से में सांंड़ ने सींग से हमला कर दिया। इससे परिवार की खुशियां बिखर गईं। 

आशियाना निवासी नाना सत्यदेव शर्मा, नानी विमला शर्मा भी बेटी के घर आने वाली खुशियों का इंतजार कर रहे थे। मां लक्ष्मी ने बेटे के लिए लड़की देख भी ली थी। पंडित राजीव शुक्ला का परिवार मूलरूप से कटघर का रहने वाला है। उनके माता-पिता और अन्य परिवारीजन वहीं रहते हैं। शादी में कोरोना संक्रमण के वजह से देरी हो रही थी। छोटा भाई लखन शुक्ला और बहन गुनगुन ने भी अपार की शादी के लिए तमाम सपने देख रखे थे। लेकिन, होनी को कौन टाल सकता था। मंगलवार को पौने ग्यारह बजे पुलिस वाले का फोन आते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। बेटे के एक्सीडेंट होने की खबर मिली तो मां लक्ष्मी शुक्ला, पिता और अन्य स्वजन रात को ही कार से मौके के बाद अस्पताल पहुंची। वहां जाकर देखा तो बेटे की जान खतरे में थी। हालत देखकर लक्ष्मी वहीं बदहवास हो गईं। उन्हें बेटी गुनगुन ने संभाला। आधी रात से ही पंडित जी के घर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। हाय कहां चला गया मेरा लाल...जवान बेटे अपार शुक्ला की मौत के बाद पंडित राजीव शुक्ला के स्वजनाें और रिश्तेदाराें में काेहराम मचा हुआ है। अपार की मां बार-बार बेहाेश हाे रही हैं। उनके मुंह से यही निकल रहा है कि मेरे लाल ने काैन की गलती कर दी। 

तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था अपार

पंडित राजीव शुक्ला का बेटा अपार शुक्ला तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। गुनगुन और लखन शुक्ला उससे छोटे हैं। स्वजनों के मुताबिक अपार बहुत सीधे स्वभाव का था। मृदुभाषी अपार के रिश्तेदार भी उसकी तारीफ कर रह थे। बोले, इतने संस्कारवान बच्चे कम ही होते हैं। वह अपने से बड़ों को बहुत सम्मान देता था। पूरी तरह से धार्मिक परिवार में उसका पालन पोषण हुआ। इसकी छाप भी उस पर साफ नजर आती थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट: अपार शुक्ला के शव का पोस्टमार्टम करने वाले स्टाफ का कहना है कि उनके पेट में कुछ घुसने से मौत हुई है। सांड का सींग और बाइक का स्टेयरिंग आदि कुछ भी हो सकता है। पीएम से यह बात साफ नहीं हुई कि सींग ही घुसा था।

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