ROAD ACCIDENT : सिसकियों में गुम हो गई शहनाई की गूंज, हर आंख रोई Sambhal News
जिस लहरावन गांव में बुधवार को शहनाई बजनी थी धूम-धड़ाका नाच गाना होना था वहां सुबह से क्रंदन हो रहा था। बरात की जगह गांव में आए पांच शव।
सम्भल(सचिन चौधरी) । जिस लहरावन गांव में बुधवार को शहनाई बजनी थी, धूम-धड़ाका, नाच गाना होना था, वहां सुबह से क्रंदन हो रहा था। बरात की जगह गांव में आए पांच शव। जब एक साथ पांच लोगों की अर्थियां उठीं तो हर आंख में आंसू थे। बुजुर्गों के मुंह पर केवल एक ही बात थी कि आज से पहले गांव में इतना बुरा दिन कभी नहीं आया।
गांव लहरावन में मंगलवार की देर शाम तक यह खुशी थी कि बुधवार को रामभरोसे की बेटी ज्योति की बरात आनी है। तमाम लोग बरात के स्वागत की तैयारी में भी लगे हुए थे। रामभरोसे बेटी का लग्न चढ़ाने के लिए रिश्तेदार समेत गांव के 40 लोगों को लेकर मंगलवार की शाम कैंटर और बाइकों से बदायंू जनपद के गांव चाचीपुर लेकर गया था। लोग खुशी-खुशी गए थे। लग्न चढ़ाने के बाद सभी लोग लौट रहे थे। देर रात 1.35 बजे सड़क हादसे में आठ की मौत की सूचना गांव में पहुंची तो हर कोई उस ओर दौड़ पड़ा। गांव में मातम पसर गया। आठ लोगों की मौत की जानकारी के बाद हर किसी के आंख में आंसू थे। सुबह शव पोस्टमार्टम के लिए बहजोई पहुुंचे तो गांव के बुजुर्ग, महिला, युवा या तो पीडि़त परिवार के घर पहुंच गए या फिर अपने घरों की चौखट पर बैठकर शव आने का इंतजार करते रहे। दोपहर में जैसे ही 2:30 बजे दिनेशचंद्र शर्मा का शव सबसे पहले गांव पहुंचा तो तमाम लोग उनके घर की तरफ हो लिए। गांव से चीख पुकार की आवाज सुनाई देने लगी। इसके बाद तो जैसे ही सभी शव गांव पहुंचे तो पूरे गांव में कोहराम मच गया। लोग यह भी कहते हुए सुनाई दिए कि हे भगवान ऐसा क्यों कर दिया? क्रंदन के बीच एक-एक कर सभी अर्थी गांव से निकलनी शुरू हुईं। इसके बाद सभी शवों का सोत नदी पर एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। जहां पर लगभग दो हजार लोगों की भीड़ मौजूद थी।
गांव में किसी भी व्यक्ति के घर नहीं जला चूल्हा
लहरावन गांव में मंगलवार की शाम सभी घरों में चूल्हे जले थे। हर किसी ने खुशी-खुशी खाना भी खाया था। कुछ लोग लग्न में शामिल होने के लिए गांव से गए थे। कुछ परिवार के लोग रात 10 बजे के बाद सो गए तो कुछ लग्न में शामिल होने गए लोगों के आने का इंतजार कर रहे थे लेकिन, उन्हें क्या पता था कि कुछ ही देर बाद दुखद सूचना आने वाली है। आठ लोगों की मौत की जानकारी होने के बाद हर कोई दंग रह गया। पूूरा गांव रात में ही जाग गया। जब दिन निकला तो लोग पशुओं को चारा डालना तक भूल गए। किसी ने चूल्हेे पर चाय बनाने के लिए भगोना तक नहीं रखा गया। हालत यह थी कि किसी के गले से नीचे पानी तक नहीं उतर रहा था। नलों के सामने बनी नालियों में बहने वाला पानी भी दिखाई नहीं दे रहा था। हर तरफ से रोने की आवाज ही आ रही थी। कुछ महिला पीडि़त परिवार के घरों में थीं तो कुछ अपने घरों की चौखट पर बैठकर रो रही थीं।
मेरे लाल लौटकर आ जा....
रामपुर के थाना शाहबाद के गांव देवीपुरा के रमेश, लहरावन गांव में रामभरोसे की लड़की की लग्न समारोह में शामिल होने के लिए अपने बेटे पवन व मुकेश के साथ बहजोई गए थे। लौटते उसने अपने दोनों बेटों को कैंटर में बैठा दिया था और वह बाइक से आ रहा था। सड़क हादसे में उसके बेटे पवन की मौत हो गई। जबकि मुकेश गंभीर रूप से घायल हो गया। पोस्टमार्टम हाउस पर बेटे पवन का शव देख रमेश बिलख पड़े। रमेश बार-बार रो रो कर कह रहा था मेरे लाल अब तो लौटकर आ जा....।
डीएम व एसपी ने अस्पताल पहुंच जाना घायलों का हाल
मुरादाबाद-आगरा हाईवे पर स्थित गांव लहरावन के पास हुए हादसे में घायल लोगों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल पहुंच कर जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ङ्क्षसह और पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने चिकित्सक से उनके हालत के बारे में जानकारी ली। सभी घायलों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की बात कही।
पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे लोग
सड़क हादसे में मृत लोगों के परिजनों से मिलकर डीएम व एसपी ने दुख व्यक्त करते हुए उन्हें सांत्वना दी। बुधवार को सुबह दस बजे के लगभग जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण ङ्क्षसह व पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने गांव बहापुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे और मृतकों के परिजन व रिश्तेदारों से घटना की जानकारी की। वहीं उप जिलाधिकारी चंदौसी महेश प्रसाद दीक्षित को मृतक व घायलों के बारे में सूची तैयार कर उनके परिजनों के लिए हरसंभव आर्थिक सहायता कराए जाने के निर्देश दिए।
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