रोजेदारों को ठंडक देगी तमिलनाडु की चटाई

मुरादाबाद : मुकद्दस रमजान का महीना शुरू हो रहा है। नमाजियों से मस्जिदों में चहल-पहल रहेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 May 2018 02:12 AM (IST) Updated:Thu, 17 May 2018 02:12 AM (IST)
रोजेदारों को ठंडक देगी तमिलनाडु की चटाई
रोजेदारों को ठंडक देगी तमिलनाडु की चटाई

मुरादाबाद : मुकद्दस रमजान का महीना शुरू हो रहा है। नमाजियों से मस्जिदों में चहल-पहल रहेगी। रात को तरावीह का एहतमाम किया जाएगा। लिहाजा तैयारियां भी मुकम्मल कर ली गई हैं। मस्जिदों में साफ-सफाई, रंगाई-पुताई की जा चुकी है। इसके साथ ही नई चटाइयां भी मस्जिदों में पहुंच चुकी हैं। इस बार रोजेदारों को तमिलनाडु की चटाई ठंडक पहुंचाएंगी। नारियल व खजूर के पत्तों से बनीं इन चटाई के साथ ही बेंत, प्लास्टिक और मखमली चटाई भी मस्जिदों में पहुंच चुकी हैं। नारियल और खजूर के पत्तों से बनी चटाई की खासियत है कि यह गर्मी के मौसम में राहत देती हैं। इसके चलते लोगों की पहली पसंद बनी हुई हैं।

मुकद्दस रमजान के दौरान मस्जिदों में रौनक बढ़ जाती है। पांच वक्त की नमाज अदा करने के लिए लोग मस्जिदों का रुख करते हैं। साथ ही तरावीह का एहतमाम भी किया जाता है। तरावीह मस्जिदों के साथ ही तमाम लोग अपने घरों पर भी पढ़ते हैं। कुराने पाक की तिलावत मुकम्मल की जाती है। लिहाजा चटाई की खरीदारी भी बढ़ जाती है।

मस्जिदों में नई चटाई लाई जाती हैं तो लोग घरों पर भी खरीद कर ले जाते हैं। इस बार बाजार में तमिलनाडु की चटाई आई हैं। खजूर और नारियल के पत्तों से बनी यह चटाई गर्मी के मौसम में राहत देती हैं। इसके अलावा दूसरे नंबर पर लोगों की पसंद बेंत से बनी चटाई है। प्लास्टिक की चटाई भी खरीदी जा रही हैं। एमके ट्रेडर्स के स्वामी मुहम्मद आकिल खान बताते हैं कि रमजान शुरू होने के एक महीना पहले से ही चटाई की बिक्री शुरू हो जाती है। जितनी बिक्री शेष 10 महीने होती है, उतनी बिक्री रमजान के महीने में व उससे एक महीना पहले हो जाती है। वैसे तो बाजार में मखमली, प्लास्टिक व पटेर की चटाई मौजूद हैं तथा सर्दी के मौसम में ज्यादातर इनका ही प्रयोग किया जाता है लेकिन इस बार खजूर, नारियल और बेंत की चटाई की बिक्री ज्यादा हुई है। क्योंकि इसकी खासियत ठंडक देना है। तमिलनाडु के सेलम शहर से अमरोहा में यह चटाई आई हैं। इसकी कीमत 20, 25 व 30 रुपये प्रति फीट है।

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