रेडक्रास दिवस पर विशेष : मरीजों को रेडक्रास पहुंचा रही राहत, कार्य देख आप भी करेंगे सराहना Moradabad News

गंभीर मरीजों के लिए रेडक्रास सोसायटी के सदस्य किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। रेडक्रास से मदद नहीं मिलती तो परिवार के हालात गंभीर होते।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 08 May 2020 11:10 AM (IST) Updated:Fri, 08 May 2020 11:02 AM (IST)
रेडक्रास दिवस पर विशेष : मरीजों को रेडक्रास पहुंचा रही राहत, कार्य देख आप भी करेंगे सराहना  Moradabad News
रेडक्रास दिवस पर विशेष : मरीजों को रेडक्रास पहुंचा रही राहत, कार्य देख आप भी करेंगे सराहना Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। एक बीमार के लिए लॉकडाउन में रेडक्रास सोसायटी संजीवनी से कम नहीं। शहर के कांशीराम नगर निवासी 45 वर्षीय व्यक्ति को कैंसर हो गया है। उसका इलाज दिल्ली में हो रहा है। बीमारी के बाद से ही परिवार के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया। इसके बाद 22 मार्च को जनता कफ्र्यू और उसके बाद लॉकडाउन होने से परिवार के हालात ये हो गए थे कि दवा तो छोडिय़े खाने तक के पैसे नहीं थे। कैंसर की बीमारी के साथ जी रहे व्यक्ति की पत्नी और दो बच्चे हैं। जब कोई जरिया नहीं बचा तो कैंसर पीडि़त परिवार के साथ सीएमओ कार्यालय पहुंचा। रेडक्रास सोसायटी के नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी से मिलने पर उसकी एक बार 15 हजार, दूसरी और तीसरी बार 10-10 हजार रुपये से मदद की गई। इसके साथ ही उसका टीएमयू में इलाज भी कराया गया। दवाइयां भी उपलब्ध कराई गईं। परिवार में खाने पीने की दिक्कत को भी दूर कराया गया। 

सात लाख का बजट

रेडक्रास सोसायटी में 22 मार्च के बाद से एक रुपया भी जमा नहीं हुआ है। पिछले सात लाख रुपये ही अकाउंट में हैं। समाजसेवी हो या अन्य कोई संस्था किसी ने भी रेडक्रास सोसायटी के लिए पैसा जमा नहीं कराया है। असहाय की मदद का सिलसिला जारी है।

कई अस्पतालों में भेजकर कराया इलाज

रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से कई मरीजों को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई। एक मरीज तो इतना गंभीर था कि उसे वेंटीलेटर पर भर्ती कर इलाज कराना पड़ा।

ऐसे हासिल कर सकते हैं मदद

रेडक्रास से मदद लेने के लिए सबसे पहले एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को दिया जाता है। उस बीमार के इलाज का पत्र, अस्पताल का नाम, आधार कार्ड और एक फोटो साथ दिया जाता है। इसके बाद ये फाइल नोडल अधिकारी को भेजी जाती है। जांच होने के बाद मरीज को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। वो पैसा या तो अस्पताल के अकाउंट या मरीज के अकाउंट में भेजा जाता है।

ये बोले नोडल अधिकारी

हमारी कोशिश रहती है कि रेडक्रास का पैसा उस जरूरतमंद को मिले, जिसका नाम आयुष्मान में भी न हो। गंभीर बीमारी वाले मरीज को पैसा उपलब्ध कराया जाता है। कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन में किसी की ओर से भी पैसा जमा नहीं कराया गया है।

-डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी, नोडल अधिकारी रेडक्रास सोसायटी।  

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