Sandalwood smuggling in Amroha : लॉकडाउन की वजह से बाहर नहीं जा पाया तस्‍करी का माल

Sandalwood smuggling in Amroha आंध्र प्रदेश में कमर का बेटा लकड़ी का कारोबार करता है। यहां बनाए गए कीमती लकड़ी के सामान को चीन व जापान भेजा जाता था।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 05:04 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 05:04 PM (IST)
Sandalwood smuggling in Amroha : लॉकडाउन की वजह से बाहर नहीं जा पाया तस्‍करी का माल
Sandalwood smuggling in Amroha : लॉकडाउन की वजह से बाहर नहीं जा पाया तस्‍करी का माल

अमरोहा। जिले में पचास करोड़ से ज्‍यादा की चंदन की लकड़ी पकड़ी गई। मामले में पुलिस की जांच जारी है बताते हैं कि लकड़ी कारोबारी इस गोदाम में माल तैयार कर उसे हाथों-हाथ यहां से बाहर भेज देता था परंतु लॉकडाउन के चलते माल नहीं भेजा जा सका था। इससे गोदाम में स्टाक ज्यादा हो गया। हैरत की बात तो यह है कि करोड़ों रुपये के टर्नओवर वाले इस अवैध कारोबार की भनक स्थानीय पुलिस को नहीं लग सकी।

ट्रांसपोर्ट की आड़ में चल रहा कारोबार

अमरोहा: चंदन की लकड़ी का यह अवैध कारोबार ट्रांसपोर्ट की आड़ में चल रहा था। दरअसल जिस मकान में यह माल बरामद हुआ है वहां पर स्थानीय लोगों को यह जानकारी थी कि यह ट्रांसपोर्ट है तथा शहर के व्यापारियों का सामान आता जाता है। इसके चलते लोग गाड़ियों के आने-जाने पर शक भी नहीं करते थे। इतना ही नहीं किसी को भीतर आने की अनुमति भी नहीं थी। बड़े कार्टून व बोरों में लादकर ही लकड़ी लाई जाती थी तथा यहां से तैयार माल बाहर भेजा जाता था।

कई बड़े नाम प्रकाश में आने की उम्मीद

चंदन के इस अवैध कारोबार में अभी तक कमर अंसारी या उसके बेटे का नाम ही प्रकाश में आया है परंतु जांच में शहर के कई लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि दिल्ली क्राइम ब्रांच के निशाने पर शहर के कई लोग हैं जिनसे इस मामले में पूछताछ की जा सकती है।

छापे की कार्रवाई शुरू होते ही एसपी पहुंचे

छापे की कार्रवाई शुरू होने के बाद कुछ देर में एसपी भी मौके पर पहुंच गए। गोदाम में लकड़ी से भरे बोरे व गत्ते के कार्टून खुलवाए तो पता चला कि कई दिनों से इसे यहां स्टॉक किया गया था। गोदाम में लकड़ी को काटने की मशीनें व बोरों में भरा बुरादा मिला है। इस मामले में देर रात तक कार्रवाई जारी थी।

एसपी ने बताया बरामद लकड़ी लगभग 50 क्विंटल है, जिसकी कीमत 50 करोड़ रुपये के करीब है। इस प्रकरण में कमर नाम के व्यक्ति का नाम प्रकाश में आया है। यह लकड़ी आंध्र प्रदेश से यहां लाई गई है। 

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