लॉकडाउन में रामपुर का मछली कारोबार हो गया लॉक Rampur News

मछली उत्पादन में कोलकाता के बाद रामपुर का दूसरा स्थान । धनोरा में 36 फिश हैचरियां तीन करोड़ तक का कारोबार। आसपास के जिलों में भी जाती है मछली।

By Ravi SinghEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 10:58 AM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 10:58 AM (IST)
लॉकडाउन में रामपुर का मछली कारोबार हो गया लॉक Rampur News
लॉकडाउन में रामपुर का मछली कारोबार हो गया लॉक Rampur News

रामपुर,जेएनएन। मछली उत्पादन में कोलकाता के बाद रामपुर का दूसरा स्थान माना जाता है। यहां की मिलक तहसील के धनोरा गांव में अच्छा खासा मछली हब है। यहां पर कुल 36 फिश हैचरियां हैं। इनमें प्रत्येक हैचरी साल में ढाई से तीन करोड़ मछली के बच्चे का उत्पादन कर लेती है। इन्हें विभिन्न राज्यों को सप्लाई किया जाता है। इन दिनों लॉकडाउन के चलते कारोबार पर असर पड़ा है। लगभग एक महीने तक सप्लाई बंद रही।

मिलक में करीब 72 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले हब में कोलकाता के विशेषज्ञ आकर काम करते हैं। बारिश अच्छी हो जाए तो इस काम से प्रत्येक हैचरी संचालक को इन छह महीनों में 15 से 20 लाख तक का मुनाफा हो जाता है। लॉकडाउन होने के बाद अचानक इस कारोबार पर मंदी आ गई है। लगभग एक महीने तक काराबोर लगभग ठप ही रहा।

जीरो साइज के बच्चे का दाम मिलता है अच्छा

कारोबारी गुरप्रीत ङ्क्षसह बताते हैं कि लॉकडाउन में एक महीने तक पास न बन पाने के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। हम लोग राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब आदि माल सप्लाई करते हैं। लॉकडाउन हुआ तो ऑर्डर मिलना बंद हो गए। जिसके चलते कारोबार पर मंदी छा गई। जो बच्चा तैयार किया था, वह बड़ा होने लगा। जीरो साइज के बच्चे का दाम अच्छा मिल जाता है। बच्चा बड़ा होने पर उसका वह दाम नहीं मिल सकेगा। बड़ा बच्चा कोई अगर खरीदता भी है तो बरसात में ही खरीदता है। ऐसे में 40 से 50 ङ्क्षक्वटल तक बच्चा लगभग हर हैचरी में पड़ा है, जिससे एक हैचरी को 10 से 15 लाख रुपयों तक का घाटा हुआ है। इसके अलावा अंडे वाली मछली भी हम लोग नहीं ला पा रहे है। इसके अलावा लॉकडाउन में प्रोडक्शन में काम में आने वाली दवा की किल्लत भी काफी आई। लॉकडाउन में एक दाना चार रुपये का था जो इस दौरान 15 रुपये तक का मिला है। अब पास मिल गए हैं, तो परेशानी कुछ कम हुई है।

सभी के बनवा दिए हैं पास

अब तो किसी को कोई परेशानी नहीं आ रही है। पहले पास न होने से कुछ परेशानी अवश्य सामने आई थी। अब तो लगभग सब के ही पास बनवा दिए गए हैं। अब भी यदि किसी को कोई परेशानी हो रही है या किसी का पास नहीं बना है तो वह हमसे संपर्क कर सकता है।

शिवकुमार, मुख्य कार्यकारी कारी अधिकारी मत्स्य विभाग 

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