Rampur cartridge scam: 12 साल पहले एसटीएफ ने पकड़े थे कारतूस के ढाई क्विंटल खोखे, नक्‍सलियों को किए जाते थे सप्‍लाई

एसटीएफ लखनऊ ने 29 अप्रैल 2010 को रामपुर के ज्‍वालानगर में रेलवे क्रासिंग के पास छापा मारकर घोटाले के सूत्रधार पीएसी से सेवानिवृत्त दारोगा यशोदा नंद को गिरफ्तार किया था। उसके साथ सीआरपीएफ जवान विनोद पासवान और विनेश कुमार भी पकड़े गए थे।

By Vivek BajpaiEdited By: Publish:Wed, 06 Jul 2022 01:39 PM (IST) Updated:Wed, 06 Jul 2022 01:39 PM (IST)
Rampur cartridge scam: 12 साल पहले एसटीएफ ने पकड़े थे कारतूस के ढाई क्विंटल खोखे, नक्‍सलियों को किए जाते थे सप्‍लाई
12 साल से मामले की अदालत में सुनवाई चल रही है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। प्रदेश भर में चर्चित हुए रामपुर के कारतूस घोटाले में आज सुनवाई होनी थी लेकिन, नहीं हो सकी। कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी है। यह मामला 12 साल पुराना है। घोटाले के मुख्‍य सूत्रधार रहे पीएसी के रिटायर्ड दारोगा यशोदा नंद की अब मृत्‍यु हो चुकी है। इस मामले में अभी भी अदालत में सुनवाई चल रही है।

एसटीएफ लखनऊ ने 29 अप्रैल 2010 को रामपुर के ज्‍वालानगर में रेलवे क्रासिंग के पास छापा मारकर घोटाले के सूत्रधार पीएसी से सेवानिवृत्त दारोगा यशोदा नंद को गिरफ्तार किया था। उसके साथ सीआरपीएफ जवान विनोद पासवान और विनेश कुमार भी पकड़े गए थे। एसटीएफ को तीनों के कब्जे से 1.76 लाख रुपये और ढाई क्विंटल कारतूस के खोखे बरामद हुए थे। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की तो घोटाले में दूसरे जिलों के आर्मरर के नाम भी सामने आए थे। घोटाले में कुछ सिविलियन भी शामिल थे। पुलिस ने 26 नामों का खुलासा किया था। ये सभी गिरफ्तार हुए थे। वर्तमान में सभी आरोपी जमानत पर छूट चुके हैं। इनके खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था, जिसमें शस्त्रागारों से कारतूस खोखा चोरी करने का आरोप है।

घोटाले के मुख्‍य साजिशकर्ता रहे यशोदा नंंद ने बताया था कि कारतूसो की सप्लाई नक्सलियों को की जाती थी। आर्मरर शस्‍त्रागार से कारतूस के खोखे चोरी करते थे जिन्‍हें यशोदा नंद खरीद लेता था। उसके बाद नक्‍सलियों को सप्‍लाई करता था। यशोदा नंद की अब मृत्‍यु हो चुकी है। वहीं 12 साल से अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है। अब तक दोष सिद्ध नहीं हुआ है।

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