मुरादाबाद में अब ग्राम पंचायतें जमा करेंगी परिषदीय स्कूलों का बिजली बिल, शिक्षा विभाग के पास नहीं है बजट
शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों के बिजली के बिल का बोझ नहीं उठा पा रहा है। इसकी वजह से स्कूलों पर बिजली का लाखों रुपये बकाया है। पावर कारपोरेशन शिक्षा विभाग से लगातार बकाया जमा करने की मांग कर रहा है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों के बिजली के बिल का बोझ नहीं उठा पा रहा है। इसकी वजह से स्कूलों पर बिजली का लाखों रुपये बकाया है। पावर कारपोरेशन शिक्षा विभाग से लगातार बकाया जमा करने की मांग कर रहा है। लेकिन, बकाया धनराशि जमा नहीं की जा रही है। शासन ने अब स्कूलों के बिल जमा करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंप दी है।
प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों के बिजली के बिल का करोड़ों रुपया बकाया है। पावर कारपोरेशन के तमाम पत्रों के बाद भी शिक्षा विभाग बिजली का बिल जमा नहीं कर पा रहा है। बजट न होने की बात कहकर बिल जमा करने में असमर्थता जता दी जाती है। मुरादाबाद जिले में 1725 प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें से 600 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बिजली कनेक्शन हैंं। बाकी स्कूलों में अभी तक बिजली का कनेक्शन ही नहीं हो पाया है। एक अप्रैल 2018 से किसी परिषदीय स्कूल का बिल जमा नहीं हुआ है। इसे लेकर दोनों विभागों में अक्सर ठनी रहती थी। पत्राचार का दौर चल रहा था। यह बात उत्तर प्रदेश शासन के आला अफसरों के सामने रखी गई। बताया गया कि शिक्षा विभाग के पास बिजली का बिल जमा करने के लिए धनराशि नहीं होती है। ऐसे में बिल जमा नहीं हो पा रहे हैं। चुनाव के समय जिले के अधिकारी जैसे-जैसे स्कूलों की बिजली आपूर्ति सुचारू करा देते हैं। लेकिन, बाद में फिर बिजली गुल हो जाती है। सरकार के अधिकारियों ने अब यह फैसला लिया है कि परिषदीय स्कूलों का बिजली का बिल ग्राम पंचायतें जमा करेंगी। इससे बिजली का बिल जमा आसानी से होगा। आए दिन स्कूलों के बिजली के कनेक्शन भी नहीं कटेंगे। जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन ने एक अप्रैल से परिषदीय स्कूलों के बिजली का बिल जमा करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को मिली है। बकाया का पता कराया जा रहा है। सभी बिलों को समय से जमा कराने के बाद स्कूलों की बिजली आपूर्ति सुचारू कराई जाएगी।
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