अब बिना काउंसिलिंग के दर्ज नहीं होगा दहेज उत्‍पीड़न का मुकदमा, मुरादाबाद में नई व्यवस्था लागू

Dowry harassment दहेज उत्पीडऩ के लगातार बढ़ते मामलों के बीच मुरादाबाद पुलिस ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब दहेज उत्पीडऩ के मुकदमे सीधे नहीं दर्ज कराए जा सकेंगे।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 01:30 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 01:30 PM (IST)
अब बिना काउंसिलिंग के दर्ज नहीं होगा दहेज उत्‍पीड़न का मुकदमा, मुरादाबाद में नई व्यवस्था लागू
अब बिना काउंसिलिंग के दर्ज नहीं होगा दहेज उत्‍पीड़न का मुकदमा, मुरादाबाद में नई व्यवस्था लागू

मुरादाबाद। अब बिना काउंसिलिंग के थानों में सीधे दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज नहीं होगा। एसएसपी के आदेश पर सीओ सिविल लाइंस अपर पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने अपने सर्किल के थानों में व्यवस्था की है।

हाईकोर्ट के आदेश पर हर जिले में पारिवारिक मसले निपटाने के लिए काउंसिलिगं सेंटर खोले गए हैं। मुरादाबाद पुलिस लाइन में काउंसिलिंग के लिए नारी उत्थान केंद्र की स्थापना की गई है।

यहां काउंसलर रूठे दंपती के गिले-शिकवे भुलाकर एक साथ रहने के लिए राजी करके फिर से साथ रहने के लिए राजी करते हैं। जिन लोगों में बात नहीं बन पाती है, उन मामलों में ही कानूनी कार्रवाई करने की संस्तुति की जाती है। होता यह था कि इसके बाद भी थानों में सीधे दहेज उत्पीडऩ के मुकदमे दर्ज कर लिए जाते थे। अब ऐसा नहीं होगा। पुलिस के आला अधिकारियों के आदेश पर ही थानों में दहेज उत्पीडऩ के सीधे मामले दर्ज होंगे। महिला थाने में अब सीधा मुकदमा नहीं लिखा जा सकता है।

नई व्यवस्था के तहत अब पहले काउंसिलिंग होना जरूरी है। इसके बाद ही मुकदमा लिखा जाएगा। सीओ सिविल लाइंस ने बताया कि पूरे जिले में यही व्यवस्था की गई। पहले टूटे घरों को बसाने की कोशिश होगी। हाईकोर्ट की भी इसी मंशा है। इसीलिए मुकदमा लिखे जाने के बाद भी मीडिएशन की व्यवस्था की गई है। इसलिए हमने महिला थाना, मझोला और सिविल लाइंस थाने के प्रभारियों से कह दिया है कि दहेज उत्पीडऩ के मुकदमे सीधे न लिखें। पहले काउंसिलिंग कराकर घरों को बसाने की कोशिश की जानी चाहिए।  

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