रामपुर में कोसी की लहरें बढ़ा रहीं ग्रामीणों की धड़कन, गांवों में दहशत

प्रशासन हर स्थिति से निपटने को तैयार है। गांव वालों से अपील की गई है कि वे अपनी ओर से सावधानी बरतें। जिससे कोई अप्रिय घटना न होने पाए।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 06:03 PM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2020 06:03 PM (IST)
रामपुर में कोसी की लहरें बढ़ा रहीं ग्रामीणों की धड़कन, गांवों में दहशत
रामपुर में कोसी की लहरें बढ़ा रहीं ग्रामीणों की धड़कन, गांवों में दहशत

रामपुर। स्‍वार में उत्तराखंड के रामनगर बैराज से रुक-रुक कर हजारों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी नदी की लहरें उफान पर हैं। उफनाती लहरों को देख कर नदी किनारे बसे गांवों के लोगों के कलेजे मुंह को आ रहे हैं। कारण है क्षतिग्रस्त बांध को लेकर अधिकारियों का लापरवाह होना।

ग्रामीणों को चिंता है कि कहीं बांध को और नुकसान पहुंचा तो भयंकर तबाही आ सकती है। फिलहाल इन लोगों को खेत से चारा लाने के लिए नदी पार करने में जान की बाजी लगानी पड़ रही है। सिंचाई विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त बांध एवं स्परों की मरम्मत तक नहीं कराई गई है, जिससे किसान दहशत में तो है ही, साथ ही विभाग के प्रति उनमें रोष भी पनप रहा है। किसानो को नदी पार कर पशुओं का चारा लाने में काफी कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। विकराल रुप धारण कर चुकी नदी ने खेतों का कटान भी शुरु कर दिया है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं। उधर प्रशासन ने जलस्तर बढ़ता देख नदी किनारे बसे गांव पसियापुरा, मधुपुरा, सोनकपुर, फाजलपुर, जालफनगला, धनौरी, बजावाला, चांदपुर, रसूलपुर, फरीदपुर, खेमपुर, बंदरपुरा, मिलककाजी, अंधापुरी आदि के ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है। जलस्तर को बढ़ता देख बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को हर स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है। किसानों के सामने पशुओं के चारे का संकट उत्पन हो गया है। तहसीलदार रणविजय सिंह ने बताया कि बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। लगातार नदी के पानी पर नजर बनी हुई। 

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