मुरादाबाद में अनूठे बिजली गेट का आविष्कार, बिना तार के जलेगा बल्ब Moradabad News

पावर जेनरेटिंग टर्नस्टाइल गेट प्रोजेक्ट को पेटेंट के लिए मिली हरी झंडी। 12 वाट के एलईडी बल्ब आठ घंटे तक जल सकेगा सहायक प्रोफेसर ने की खोज।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 13 Jan 2020 12:10 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jan 2020 12:10 PM (IST)
मुरादाबाद में अनूठे बिजली गेट का आविष्कार, बिना तार के जलेगा बल्ब  Moradabad News
मुरादाबाद में अनूठे बिजली गेट का आविष्कार, बिना तार के जलेगा बल्ब Moradabad News

मुरादाबाद (अनुज मिश्र)। एक ऐसे अनोखे विद्युत गेट की खोज की गई है, जिससे होकर कोई भी गुजरेगा तो विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होगी। जो गेट से जुड़ी बैटरी में संग्रहित हो जाएगी। इस ऊर्जा से 12 वाट के एलईडी बल्ब को आठ घंटे तक जलाया जा सकता है।  पावर जेनरेटिंग टर्नस्टाइल गेट नाम के प्रोजेक्ट को भारत सरकार के नेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनआरडीसी) ने पेटेंट रजिस्ट्रेशन के लिए हरी झंडी दे दी है। गेट क्लॉक एवं एंटी क्लॉक वाइज दोनों दिशाओं में घूमने पर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करेगा। गेट पर लगे बल्ब का स्विच अंधेरा होते ही स्वत: ऑन हो जाएगा एवं सूर्य की रोशनी आते ही बंद हो जाएगा।

दस साल पहले आया था मन में विचार

इसकी खोज करने वाले तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय (टीएमयू) के कॉलेज ऑफ कंम्प्यूटिंग साइंस एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (सीसीएसआइटी) के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रदीप कुमार गुप्ता बताते हैं कि दस साल पहले पार्क के मुख्य गेट पर अंधेरा देख इस तरह का प्रोजेक्ट बनाने का विचार मन में आया था। सौ वाट के बल्ब के साथ प्रोजेक्ट बनाने का कई बार प्रयास किया लेकिन, सफलता नहीं मिली क्योंकि सौ वाट के बल्ब को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। एलईडी बल्ब के प्रयोग के बाद आखिरकार इसको बनाने में सफलता हासिल हुई।

प्रोजेक्ट में इनका किया गया है प्रयोग 

प्रोजेक्ट में गियर सिस्टम, डायनमो, बैटरी, 12 वाट का बल्ब समेत कई अन्य तकनीकी यंत्रों का इस्तेमाल किया गया है।  

एनआरडीसी ऐसे प्रोजेक्ट को कराती है पेटेंट

एनआरडीसी ऐसे प्रोजेक्ट को पेटेंट के लिए हरी झंडी देता है जो नई खोज, दिक्कत खत्म करना वाला एवं समाज को लाभान्वित कराने वाला हो। इन तीनों मापदंडों पर खरा उतरने वाले प्रोजेक्ट को एनआरडीसी खुद अपने खर्च पर पेटेंट कराती है।

सामान्य गेट से सिर्फ हजार रुपये अधिक आएगा खर्च 

गेट का प्रयोग पार्क, मंदिर, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, हॉस्पिटल समेत सर्वाधिक आवाजाही वाले स्थानों पर प्रयोग कर सकते हैं। प्रदीप कुमार गुप्ता के मुताबिक सामान्य पार्क गेट के निर्माण में ढाई से तीन हजार रुपये का खर्च आता है जबकि इस गेट पर चार हजार रुपये का खर्च आएगा। मतलब यह है कि एक हजार से 15 सौ रुपये खर्च कर ही अंधेरे को मिटाया जा सकेगा। 

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