सिर्फ एक क्लिक पर नदी को प्रदूषित करने वाले कारकों की मिलेगी जानकारी Moradabad news

भारतीय सर्वे व‍िभाग द्वारा जीआइएस रेडी मैप तैयार कि‍ि‍या गया है। केंद्र सरकार को जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। इससे रामगंगा को प्रदूषित करने वाले चिह्नित हो जाएंगे।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 30 Nov 2019 12:05 PM (IST) Updated:Sat, 30 Nov 2019 12:05 PM (IST)
सिर्फ एक क्लिक पर नदी को प्रदूषित करने वाले कारकों की मिलेगी जानकारी Moradabad news
सिर्फ एक क्लिक पर नदी को प्रदूषित करने वाले कारकों की मिलेगी जानकारी Moradabad news

मुरादाबाद । गंगा और सहायक नदियों में रोकने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को दिल्ली से आई केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की दो सदस्यीय टीम ने प्लेन से गंगा की सहायक नदी रामगंगा का लिडार सर्वे किया। टीम ने मूंढापांडे हवाई पट्टी से उड़ान भर रामगंगा नदी की परिधि के दस-दस किलोमीटर के दोनों छोर का सर्वे किया। सर्वे के बाद अब टीम जीआइएस रेडी मैप तैयार कर केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।दरअसल, टीम केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा एवं नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट के तहत सर्वे करनी पहुंची थी।

लिडार सर्वे से रामगंगा को प्रदूषित करने वाले चिह्नित

सर्वे करने वालों में भारतीय सर्वे विभाग के अधिकारी सर्वेक्षक संदीप तोमर और अविनाश मिश्रा शामिल थे। संदीप तोमर ने बताया कि लिडार सर्वे में इस बात की पुष्टि होगी कि गंगा और सहायक नदियों को प्रदूषित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं? कौन-कौन से नाले सीधे नदी में गिर रहे हैं? आसपास किसका-किसका निर्माण है? कौन-कौन सी फैक्ट्रियां हैं? लिडार सर्वे से ही जीआइएस रेडी मैप तैयार कर केंद्र सरकार को जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। जीआइएस रेडी मैप पर नदी को प्रदूषित करने वाले कारकों की जानकारी एक क्लिक मिलेगी। उसके बाद रामगंगा और सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए कदम उठाएं जाएंगे।

यह है लिडार सर्वे

लिडार सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी है जो दूरी के मापने के लिए लक्ष्य पर लेजर प्रकाश भेजता है और परावर्तित प्रकाश का विश्लेषण करता है। इस सर्वे के जरिए दस सेंटीमीटर तक किसी भी वस्तु या भवन पर लेजर के जरिए मैप तैयार किया जा सकता है। स्मार्ट सिटी के लिहाज से लिडार सर्वे बेहद जरूरी है।

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