अपनी आंतों को सही रखना चाहते हैं तो करें ये आसन... ठीक रहेगा पाचन

ज्यादातर बीमारियों की वजह पेट की खराबी होती है। यदि आप भी पाचन कब्ज या वायु या वात की समस्या से परेशान है तो इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या बदलनी होगी। सुबह उठने के बाद आपको पवनमुक्त आसन का अभ्यास प्रतिदिन करना होगा।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 07:30 AM (IST)
अपनी आंतों को सही रखना चाहते हैं तो करें ये आसन... ठीक रहेगा पाचन
अपनी आंतों को सही रखना चाहते हैं तो करें ये आसन... ठीक रहेगा पाचन

मुरादाबाद, जेएनएन। ज्यादातर बीमारियों की वजह पेट की खराबी होती है। यदि आप भी पाचन, कब्ज या वायु या वात की समस्या से परेशान है तो इसके लिए आपको अपनी दिनचर्या बदलनी होगी। सुबह उठने के बाद आपको पवनमुक्त आसन का अभ्यास प्रतिदिन करना होगा। इससे उदर और आंतों के वायु या वात को बाहर निकालने में आसानी होती है। पाचन क्रिया में भी लाभ मिलता है।

योग प्रशिक्षक अमित गर्ग ने बताया कि इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लंबवत लेट जाइए। दोनों घुटनों को मोड़ते हुए जांघों को वक्ष के ऊपर ले आएं। दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में गूंथते हुए पैरों को पकड़ लें। ठुड्डी को घुटनों के नीचे ले आएं। सांस बाहर छोड़ते हुए सिर को तब तक ऊपर उठाएं, जब तक कि ठुड्डी घुटनों से नहीं लग जाए। कुछ समय तक इसी स्थिति में रहें। इसके बाद सिर को वापस जमीन पर ले जाएं। सांस बाहर छोड़ते समय पैरों को जमीन पर ले आएं। अभ्यास के अंत में शवासन में आराम करें।

ये होगा लाभ

इस आसन को करने से कब्जियत दूर करता है। वात से राहत दिलाता है और उदर के फुलाव को कम करता है। पाचन क्रिया में भी सहायता करता है। यह आसन गहरा आंतरिक दबाव डालता है। श्रोणि और कटिक्षेत्र में मांसपेशियों को लिंगामेंंटस और स्नायु की अति जटिल समस्याओं का निदान होता है। इस आसन को करने से उदर संबंधी बीमारियां सही होती है।

इन स्थिति में न करें यह आसन

उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, हर्निया, साइटिका, तीव्र पीठ दर्द और गर्भावस्था के समय इस अभ्यास को न करें। इसके अलावा मौसमी फलों का सेवन करते रहें। तेज मिर्च के खानपान से बचें।

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