दिल टूटता भले ही न हो लेकिन, इसे आघात जरूर लगता है, पढ़िए विश्व ह्रदय रोग दिवस पर यह विशेष रिपोर्ट Moradabad news

दैनिक जागरण कार्यालय में विश्व हृदय रोग दिवस पर हुई संगोष्ठी में चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से पहले और हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए आदि जानकारी दी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 29 Sep 2019 03:26 PM (IST) Updated:Sun, 29 Sep 2019 04:10 PM (IST)
दिल टूटता भले ही न हो लेकिन, इसे आघात जरूर लगता है, पढ़िए विश्व ह्रदय रोग दिवस पर यह विशेष रिपोर्ट Moradabad news
दिल टूटता भले ही न हो लेकिन, इसे आघात जरूर लगता है, पढ़िए विश्व ह्रदय रोग दिवस पर यह विशेष रिपोर्ट Moradabad news

मुरादाबाद, जेएनएन। अक्सर हम लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि तुमने मेरा दिल तोड़ दिया, मेरा दिल टूट गया। दिल टूटता भले ही न हो लेकिन, आजकल की बदलती दिनचर्या और जीवनशैली के कारण उसे आघात बहुत ज्यादा पहुंच रहा है। इसलिए देश ही दुनिया भर में ह्रदयाघात के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।

खराब जीवनशैली की वजह से दिल के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। दैनिक जागरण कार्यालय में विश्व हृदय रोग दिवस पर हुई संगोष्ठी में चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से पहले और हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए आदि जानकारी दी। कहा तंदुरुस्त इंसान को तीन साल में अपने दिल का परीक्षण कराना चाहिए। जीवनशैली में बदलाव करें। बाहरी खानपान बंद करें। ताजे फल, सब्जियों का इस्तेमाल करने के साथ एक्सरसाइज करें। हार्ट अटैक होने पर एक घंटे में इलाज मिलने से मरीज की हालत को काबू किया जा सकता है। 

ये बोले चिकित्सक 

हार्ट अटैक होने से पहले ही जागरूक होने की जरूरत है। हार्ट अटैक से पहले और हार्ट अटैक के बाद सावधानी बरतनी चाहिए। हार्टअटैक नहीं हुआ है तो सबसे पहले अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा। ताजे फल और ताजी सब्जियों का इस्तेमाल करें। बाहरी खानपान की आदत खत्म करें।  

डॉ. अनुराग मेहरोत्रा, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ।

कई लोगों में कोलेस्ट्रॉल की समस्या जेनेटिक भी होती है। इस बार हृदय दिवस की थीम है कि हृदय से वादा करें कि धूमपान, शराब का सेवन नहीं करना है। दिल के रिस्क फैक्टर को जानना है। चिकित्सक से परामर्श करने के बाद जांच कराएं। सही हालत है तो साल में एक बार जरूर स्वास्थ्य परीक्षण करा लें।  

डॉ. नितिन अग्रवाल, हृदय रोग विशेषज्ञ। 

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में दिल के इलाज की व्यवस्था है। दिल के इलाज के लिए 98 पैकेज अस्पतालों को दिए गए हैं। दिल के इलाज के लिए तीर्थांकर महावीर मेडिकल कालेज, सिद्ध मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल, साईं मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल, कॉसमॉस अस्पताल में व्यवस्था की गई है। 

डॉ. पीतांबर सिंह, आयुष्मान योजना कोआर्डिनेटर।

ये बोले लोग 

हार्ट अटैक होने के बाद खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। दिल की सेहत के लिए चिकित्सकों ने जो सावधानी बताई है उसे ध्यान रखेंगे। 

रीता सिंह, अध्यक्ष ऑल इंडिया वुमेन कांफ्रेंस।

हृदय दिवस को लेकर हुई संगोष्ठी में भरपूर जानकारी मिली। आज से ये तय कर लिया है कि दिल का ख्याल रखेंगे और खानपान बंद करेंगे।  

पूजा अग्रवाल, एडिटर एसेंस क्लब।

दिल को ठीक रखने के टिप्स स्कूल में बच्चों से शेयर करूंगी। उनके माता-पिता से भी जंकफूड बंद कराने पर जोर दिया जाएगा। 

ज्योत्सना गुप्ता, प्रिंसिपल। 

योग भी दिल की सेहत के लिए जरूरी है। बाहर का खाना तो नहीं खाएंगे। इसके अलावा प्रतिदिन योग भी नियमित करेंगे। 

चंद्रशेखर, प्रोफेसर पॉलीटेक्निक। 

हम तो सोचते थे कि सीने में गैस के दर्द की वजह से दुश्वारी होती है लेकिन, हार्ट अटैक का अलार्म भी होता है, ये जानकारी आज पता चली। 

कुशांक गुप्ता, व्यापारी। 

दैनिक जागरण ने हृदय दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी कराकर हृदय को लेकर लोगों को जागरूक किया है। ये बेहतर प्रयास है। 

सै. आसिफ हसन, मंडलीय अध्यक्ष एसोसिएशन।

बाहरी खाने में अधिक साल्ट होने से हृदय के रोगी बढ़ रहे हैं। संगोष्ठी में चिकित्सकों द्वारा जानकारी दी गई। इसे मैं खुद और अपने परिवार में बाहरी खानपान बंद कराउंगा। 

गौरव गुप्ता, टैक्स अधिवक्ता। 

दिल के मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में अखबार द्वारा लोगों को सेहत के लिए जागरूक करने का प्रयास सराहनीय है। 

मु. आरिफ, लेखाकार शिक्षा विभाग।

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