विपक्षी दल विकास कार्यों के बल पर बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकते : उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा

टीएमयू के दीक्षा समारोह के बाद उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा ने पत्रकार वार्ता में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार लगातार स्वास्थ्य केंद्रों पर संसाधन जुटाने में लगी है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:50 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:50 AM (IST)
विपक्षी दल विकास कार्यों के बल पर बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकते : उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा
पत्रकार वार्ता में उप मुख्यमंत्री ने विपक्ष के नेताओं पर बिना नाम लिए साधा निशाना।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। टीएमयू के दीक्षा समारोह के बाद उप मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार लगातार स्वास्थ्य केंद्रों पर संसाधन जुटाने में लगी है। कोरोना काल में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए हमारे सैकड़ों कार्यकर्ता, छह विधायक और तीन मंत्रियों की जान चली गई। जबकि प्रदेश के एक नेता एयरकंडीशन कमरे में बैठकर ट्वीट करते रहे कि देश में वैक्सीन नहीं बन सकती। वहीं, राहुल गांधी पर का नाम लिए बगैर कहा कि दिल्ली के एक बड़े नेता जो युवावस्था से प्रौढ़ अवस्था में जा रहे हैं, उन्होंने भी अपने स्वास्थ्य की चिंता करते हुए वैक्सीन लगवा ली है। विपक्षी दल चुनाव में विकास कार्यों के बल पर बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकते इसलिए जातिवाद और संप्रदायवाद की राजनीति कर रहे हैं। लेकिन, अब केवल एक ही वाद चलेगा, वह है मोदी जी और योगी जी का विकासवाद।

कहा क‍ि हम चुनाव में अपनी पिछली जीत का रिकार्ड तोड़ेंगे। किसाना नेताओं के लखनऊ में आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उनका स्वागत है, भाजपा किसानों का स्वागत करने वाली पार्टी है। लेकिन, किसानों के भेष में कोई दूसरे दल इसमें शामिल होते हैं तो किसान उसे खुद ही खारिज कर देते हैं। हम तो किसानों की आय दोगुनी करने में जुटे हुए हैं। प्रियंका वाड्रा के प्रदेश सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए जाने पर उन्होंने कहा कि वे वह नेता है जो चुनाव से तीन चार महीने पहले चुनावी पर्यटन यात्रा पर निकलती हैं।

जल्द शुरू हो सकती है आफ लाइन क्लास : यूपी बोर्ड के परिणाम पर उन्होंने कहा कि परिणाम नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से विद्यार्थी को आगे की भूमिका तय करने का अवसर मिलेगा। परीक्षा परिणाम के बाद भी कोई विद्यार्थी आगे परीक्षा में बैठना चाहेगा, उसमें वह परीक्षा दे सकता है। उन्हें दोबारा बोर्ड फीस भी जमा नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही जल्द ही आफलाइन पढ़ाई पर निर्णय लिया जा सकता है। 

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