मुरादाबाद में सीएम से शिकायत कर बोले भाजपा विधायक, झोलाछापों से दो हजार रुपए प्रतिमाह वसूल रहा स्वास्थ्य विभाग, शुरु होगी जांच

बिना डिग्री और डिप्लोमा किए अस्पताल और क्लीनिक खोलकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले झोलाछापों को स्वास्थ्य विभाग संरक्षण दे रहा है। नगर विधायक रितेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर इसके लिए एसीएमओ डा. डीके प्रेमी को जिम्मेदार ठहराया है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 04:34 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 04:34 PM (IST)
मुरादाबाद में सीएम से शिकायत कर बोले भाजपा विधायक, झोलाछापों से दो हजार रुपए प्रतिमाह वसूल रहा स्वास्थ्य विभाग, शुरु होगी जांच
मुरादाबाद में सीएम से शिकायत कर बोले भाजपा विधायक

मुरादाबाद, जेएनएन। बिना डिग्री और डिप्लोमा किए अस्पताल और क्लीनिक खोलकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले झोलाछापों को स्वास्थ्य विभाग संरक्षण दे रहा है। नगर विधायक रितेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत कर इसके लिए एसीएमओ डा. डीके प्रेमी को जिम्मेदार ठहराया है। विधायक का कहना है कि उनके कहने के बाद भी किसी झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।झोलाछापों से दो हजार रुपये महीना की वसूली होती है। इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश हुए हैं। जांच के बाद कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है।

मुरादाबाद में झोलाछाप कोरोना मरीजों का चुपचाप इलाज करते रहे।इस दौरान कई लोगों की जान चली गई।इस दौरान नगर विधायक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से झोलाछापों पर कार्रवाई करने की बात कही थी, लेेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिससे खफा विधायक ने सीधे तौर पर एसीएमओ डा डीके प्रेमी पर निशाना साधा। उन्होंने उन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास आठ योजनाओं का चार्ज है। बाकी एसीएमओ के पास काम नहीं है।

उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नए अल्ट्रासाउंड और रेडियोलोजी सेंटरों के रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही हैं। इन्होंने इसी तरह करोड़ों रुपये कमाकर संपत्ति अर्जित कर ली है। इनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से इस मामले में जांच के आदेश हुए हैं।उन्होंने बताया कि कार्रवाई के साथ डा. प्रेमी के स्थानांतरण की भी सिफारिश की है। जांच के बाद कार्रवाई अवश्य होने की संभावना है।

सील होने के चार दिन बाद दूसरे नाम से खोला अस्पताल

सम्भल चौराहे से लेकर डींगरपुर तक बिना डिग्री वाले कई झोलाछापों ने अस्पताल खोल रखे हैं। आजाद नगर में मुख्य चिकित्साधिकारी की टीम ने मरीज की जिदंगी से खिलवाड़ करने पर एक अस्पताल को सील कर दिया था।बाद में नए नाम से उसने फिर अस्पताल खोल दिया।खोलने वाला खुद को एक विधायक का रिश्तेदार बता रहा है।करूला की पुलिया, कोहिनूर तिराहा, गांगन तिराहे पर इसी तरह की कई अस्पताल है। इन अस्पतालों के बाहर डाक्टरों की लंबी सूची लगी है। लेकिन, महिला की डिलीवरी के समय आपरेशन के लिए सर्जन के बजाए एमडी डाक्टर को बुलाया जाता है।

ऐसे लोगों ने अस्पताल खोल लिए हैं, जिन्होंने कुछ दिनों शहर के मशहूर डाक्टरों के यहां कंपाउंडरी की। हर की हर गली और मुहल्ले में झोलाछाप डाक्टर हैं। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर खानापूरी होती है। जिले के रतनपुर कलां, जटपुरा, ताहरपुर, फत्तेहपुर खास में झोलाछापों ने कोरोना से मरीजों का चुपचाप इलाज किया। कई लाेगों की इलाज के दौरान मौत भी हो गई।डिलारी, कुंदरकी, बिलारी, ठाकुरद्वारा में भी इसी तरह के कई अस्पताल हैं। कई बार इन अस्पतालों की शिकायतें होने के बाद भी कोई सुध नहीं लेता। 

chat bot
आपका साथी