ई-कचरे की 'राख' से घुट रहा रामगंगा का दम

शहर की हवा और पानी दोनो ई-कचरे की आग से झुलस रहे है। सालो से ई-कचरा का निस्तारण करने के लिए अफसर केवल दावे करते रहे है।

By Edited By: Publish:Tue, 06 Feb 2018 02:35 AM (IST) Updated:Tue, 06 Feb 2018 01:20 PM (IST)
ई-कचरे की 'राख' से घुट रहा रामगंगा का दम
ई-कचरे की 'राख' से घुट रहा रामगंगा का दम
रितेश द्विवेदी, मुरादाबाद : शहर की हवा और पानी दोनो ई-कचरे की आग से झुलस रहे है। सालो से ई-कचरा का निस्तारण करने के लिए अफसर केवल दावे करते रहे है। इसके निस्तारण को लेकर धरातल पर कार्रवाई करने की जगह केवल कागजो मे कार्यवाही होती है। रामगंगा किनारे सालो से ई-कचरा जलाने का काम किया जा रहा है। कुछ लोग चोरी-छिपे घर मे ई-कचरा जलाने के बाद राख को रामगंगा किनारे डालकर चले जाते है। प्रशासनिक स्तर पर रामगंगा किनारे निगरानी के लिए कई बार कमेटियो का गठन किया गया है। उनको यह भी आदेश दिए गए थे कि ई-कचरा जलाने वालो पर पांच लाख रुपये का तक जुर्माना लगाया जाए। अभी तक इस नियम की जद मे एक नही आया। थाना प्रभारियो को रामगंगा तट की निगरानी का जिम्मा सौपा गया था। थाना क्षेत्र ही इन पर कार्रवाई की अंतिम कड़ी होती है,लेकिन थाना प्रभारियो के द्वारा ई-कचरा की रोकथाम के लिए कोई भी प्रभावी कदम नही उठाए गए। ई-कचरा माफियाओ के लिए मुरादाबाद मे काम करना हमेशा आसान रहा है। इसके चलते आज तक यहां पर ई-कचरा जलाने के व्यापार को खत्म नही किया जा सका है। रामगंगा के किनारे सालो से ई-कचरे की राख फेकने का सिलसिला चल रहा है। मौजूदा समय मे लालबाग, बरबलान के साथ ही दसवां घाट मे ई-कचरे की राख के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए है। इस राख के निस्तारण को लेकर प्रशासनिक स्तर पर हाल ही मे प्रयास शुरू किए गए है,लेकिन इसके बाद भी रामगंगा के घाट मे ई-कचरे की राख फेकने का काम बंद नही हुआ है। डीएम की अध्यक्षता मे गठित कमेटी ने तैयार की थी रिपोर्ट -डीएम की अध्यक्षता मे गठित समिति ने रामगंगा के इन घाटो का निरीक्षण कर एक आंकलन रिपोर्ट तैयार की थी,जिसमे करीब 25000 हजार टन ई-कचरे की राख पड़े होने की रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसको हटाने के लिए गुजरात और हैदराबाद की कुछ कंपनियो को भी बुलाया गया था। सैपल ले जाने के बाद संबंधित कंपनियो के द्वारा निस्तारण को लेकर कोई जवाब नही दिया गया। मौजूदा समय मे भी प्रतिदिन सैकड़ो लोग घाट पर राख फेकने और जलाने का काम बेधड़क होकर कर रहे है। वही पुलिस और प्रशासन के अफसर मूकदर्शक बनकर यह तमाशा देखने मे जुटे रहते है। रात होते ही कई स्थानो पर ई-कचरा जलाया जाता है। घरो मे रामगंगा किनारे लोगो ने भट्ठियां लगा रही है। उनका धुंआ आसमान को प्रदूषित कर रहा है और राख रामगंगा को। ........................ कागजो मे बनाया गया ई-कचरा प्लांट -ई-कचरा प्लांट बनाने को लेकर बीते कई वर्षो से बात की जा रही है,लेकिन अभी तक ई-कचरा प्लांट की एक ईट भी नही रखी गई। ई-कचरा प्लांट न होने से कार्रवाई करने से अफसर भी बचते रहते है। कई बार अफसर ई-कचरा पकड़ने के बाद उसके निस्तारण को लेकर भी परेशान होते है। योजनाबद्ध तरीके से कोई प्लान न होने के कारण भी ई-कचरे की रोकथाम करने मे अफसर अभी तक नाकाम रहे है। ...................... जुर्माने की कार्रवाई के लिए जीओ का इंतजार -रामगंगा के किनारे ई-कचरा जलाने पर पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। यह कार्रवाई किसी पर नही की गई। हाल ही मे जब जिला प्रशासन के द्वारा कटघर थाना क्षेत्र मे ई-कचरे का गोदाम सील किया गया तो अफसरो ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियो से जुर्माने की कार्रवाई के लिए कहा,लेकिन बोर्ड के अफसरो ने जवाब दिया कि उनके पास इस जुर्माने से संबंधित अभी तक कोई शासनादेश नही आया है। इसके चलते वह कार्रवाई करने मे सक्षम नही है। इस जवाब के बाद अफसर केवल कागजी खानापूर्ति कर वापस लौट गए। ...................... दैनिक जागरण ने चलाया था अभियान -ई-कचरे को लेकर लोगो को जागरूक करने के लिए दैनिक जागरण बीते कई वर्षो से लगातार अभियान चलाया था। उसके बाद मामला दिल्ली तक पहुंचा, उसके बाद कार्रवाई होनी शुरू हुई। धारा 144 लागू की गई। इसके निस्तारण को लेकर प्रशासन ने योजना बनाई थी। ज्यादातर योजनाएं कागजो से बाहर ही नही आ पाई। आज शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण इलाको मे चोरी-छिपे ई-कचरा जलाने का काम किया जा रहा है। वही अफसर तमाशबीन बनकर इस पूरे खेल को देखते रहते है। ...................... वर्जन--- फोटो-- ई-कचरा प्लांट लगाने के लिए जमीन चिन्हित हो गई है। बीते कुछ माह मे ई-कचरा गोदामो को सील करने के साथ ही दोषियो पर मुकदमे लिखकर जेल भेजा गया है। इस समस्या से निपटने के लिए गंभीर कदम उठाए जा रहे है। रामगंगा किनारे पड़ी राख का निस्तारण करने के लिए आइआइटी रुड़की से एक टीम भी बुलाई गई थी। टीम सैपल लेकर गई है, जल्द ही आइआइटी से इसके निस्तारण को लेकर रिपोर्ट भी आ जाएगी। रामगंगा मे प्रदूषण को खत्म करने के लिए किसी भी स्तर पर लापरवाही नही बरती जा रही है। राज्य प्रदूषण बोर्ड के द्वारा भी कई कदम उठाए गए है। हम इस समस्या को लेकर गंभीर है,और यह विस्वास भी है कि जल्द ही इस समस्या से शहर को निजात मिलेगी। -राकेश कुमार सिंह,जिलाधिकारी। ..................... प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर रामगंगा की प्रतिदिन निगरानी करने के साथ सैपल भरने का काम करते है। केद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम प्रत्येक सप्ताह सैपल लेने के लिए आती है। रामगंगा का पानी प्रदूषित नही है। किनारे पड़ी राख को हटवाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। सभी के सहयोग से इस समस्या का निस्तारण होगा। कार्रवाई के नाम पर किसी भी प्रकार की लापरवाही नही बरती जा रही है। -आरके सिंह,क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी। ------------------- मैने स्वयं रामगंगा का हाल ही मे निरीक्षण किया था। रामगंगा किनारे अभी भी ई-कचरा जलाने से रोकने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नही की गई है। एनजीटी कोर्ट ने इसे अवमानना का मामला मानते हुए राज्य सरकार पर दस लाख और जिलाधिकारी मुरादाबाद पर 50 हजार जुर्माने का आदेश दिया है। -गौरव कुमार बंसल, अधिवक्ता, एनजीटी कोर्ट, नई दिल्ली
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