गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद कानपुर लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे स्वेटर

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मुरादाबाद के 166862 बच्चों में स्वेटर वितरण के लिए तीन कंपनियों बोधराज सुभाष चंद्रा एसोसिएट्स नारंग ट्रेडर्स व सूरज होजरी मिल को टेंडर दिया गया था। तीनों ही कार्यदायी संस्था की ओर से पहले तो स्वेटर की आपूर्ति में देरी हुई।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Fri, 01 Jan 2021 05:35 PM (IST) Updated:Fri, 01 Jan 2021 05:35 PM (IST)
गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद कानपुर लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे स्वेटर
रिपोर्ट के आधार पर लगेगा जुर्माना, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने लिया फैसला।

मुरादाबाद, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में स्वेटरों की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने सैंपलों को कानपुर लैब भेजने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को स्वेटर लैब के लिए भेजे जाएंगे, जिसके बाद वहां से आयी रिपोर्ट के आधार पर ही कार्यदायी संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा। इससे पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने तीनों फर्मों के भुगतान पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। उनका कहना है कि एसडीएम सदर की अध्यक्षता में गठित कमेटी की ओर से भी गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए गए थे, जिसके बाद उन्होंने दो फीसद कटौती की सिफारिश की थी।

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मुरादाबाद के 1,66,862 बच्चों में स्वेटर वितरण के लिए तीन कंपनियों बोधराज सुभाष चंद्रा एसोसिएट्स, नारंग ट्रेडर्स व सूरज होजरी मिल को टेंडर दिया गया था। तीनों ही कार्यदायी संस्था की ओर से पहले तो स्वेटर की आपूर्ति में देरी हुई। इसके बाद भगतपुर टांडा, मूंढापांडे व मुरादाबाद ब्लॉक में जांच के लिए एसडीएम सदर प्रेरणा सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने स्वेटरों की गुणवत्ता घटिया पाई। इन ब्लॉकों में बोधराज सुभाष चंद्रा एसोसिएट्स की ओर से 58,347 स्वेटर वितरित किए गए थे, जिसके बाद एसडीएम सदर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए प्रति स्वेटर दो फीसद जुर्माना लगाने की सिफारिश की। इसके बाद से ही स्वेटरों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

लैब की रिपोर्ट तय करेगी फर्म का भविष्य

फिलहाल तो स्वेटरों के भुगतान पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने रोक लगा दी है। साथ ही उन्होंने तीनों फर्मों की ओर से उपलब्ध कराए गए स्वेटरों को लैब भेजने का भी फैसला किया है। अगर रिपोर्ट में स्वेटर की गुणवत्ता मानक पर खरी नहीं उतरती है तो प्रति स्वेटर दो फीसद जुर्माने के साथ कंपनी को नोटिस जारी कर ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि जो भी स्वेटर बच्चों में बांटे गए हैं, उनकी गुणवत्ता की शिकायत कहीं से नहीं आई है। हमने 400 से ज्यादा अभिभावकों से फीडबैक भी लिए थे, जिसमें अभिभावकों ने संतुष्टि जताई है। एसडीएम सदर की रिपोर्ट में गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं, इसलिए जांच के लिए तीनों फर्मों के स्वेटरों के सैंपल लैब भेजे जा रहे हैं।

chat bot
आपका साथी