आजम खान पर मुकदमा लिखाने वाले इस IAS अधिकारी को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में डाली गई यााचिका, जज ने कही यह बात

मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय सिंह 2005 बैच के सिक्किम कैडर के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी हैं। वह 16 फरवरी 2015 से यूपी में प्रतिनियुक्ति पर हैं। यूपी में उनकी प्रतिनियुक्ति पांच वर्ष के लिए थी। केंद्र सरकार ने उनके काम को देखते हुए एक-एक वर्ष करके तीन बार एक्सटेंशन दे चुकी थी। प्रतिनियुक्ति अवधि 14 फरवरी 2023 को पूरी होने के बाद आंजनेय सिंह अवकाश पर चले गए थे।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed Ammar Publish:Fri, 26 Apr 2024 04:21 PM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2024 04:21 PM (IST)
आजम खान पर मुकदमा लिखाने वाले इस IAS अधिकारी को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में डाली गई यााचिका, जज ने कही यह बात
आजम खान पर मुकदमा लिखाने वाले इस IAS अधिकारी को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में डाली गई यााचिका

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद: रामपुर के सपा नेता मुहम्मद आजम खां पर कार्रवाई को लेकर चर्चा में आए मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय सिंह के खिलाफ जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिका में मंडलायुक्त की यूपी में प्रतिनियुक्ति और चार बार हुए सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) को अवैध बताया था।

18 मार्च 2024 को अनुज कुमार गर्ग आदि ने दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा था कि 2005 बैच के आइएएस अधिकारी एवं मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय सिंह को बार-बार दिए जा रहा एक्सटेंशन अवैध है।

उत्तर प्रदेश में 2015 से प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने वाले आइएएस अधिकारी आंजनेयकुमार सिंह की पोस्टिंग को "अवैध पोस्टिंग" और इसके आगे विस्तार पर सवाल खड़ा करते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी। आंजनेय सिंह फरवरी 2019 से मार्च 2021 तक रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) थे।

आजम खान से विवाद के बाद आए थे चर्चा में

आंजनेय सिंह के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी नेता आजम खां के खिलाफ मामले दर्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जनहित याचिका में कहा गया है कि आंजनेय सिंह की प्रतिनियुक्ति और विस्तार इस आधार पर अवैध है। यह अखिल भारतीय सेवा नियम और भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग नियम के प्रावधानों के भी विपरीत बताई गई थी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करने से इन्कार करते हुए 23 अप्रैल को जनहित याचिका को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा यह स्थापित कानून है कि जनहित याचिका सेवा मामलों में सुनवाई योग्य नहीं है और केवल गैर-नियुक्त व्यक्ति ही नियुक्ति की वैधता पर हमला कर सकते हैं। इसके बाद पीठ ने जनहित याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताते हुए खारिज कर दिया।

पांचवीं बार हुआ है आंजनेय सिंह का एक्सटेंशन

मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय सिंह 2005 बैच के सिक्किम कैडर के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी हैं। वह 16 फरवरी 2015 से यूपी में प्रतिनियुक्ति पर हैं। यूपी में उनकी प्रतिनियुक्ति पांच वर्ष के लिए थी। केंद्र सरकार ने उनके काम को देखते हुए एक-एक वर्ष करके तीन बार एक्सटेंशन दे चुकी थी।

प्रतिनियुक्ति अवधि 14 फरवरी 2023 को पूरी होने के बाद आंजनेय सिंह अवकाश पर चले गए थे। इस बीच राज्य सरकार ने आंजनेय सिंह की प्रतिनियुक्ति एक साल के लिए बढ़ाने के केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया था। इस तरह उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि नौ साल हो चुकी है। फरवरी 2024 में प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की सिफारिश पर आंजनेय की प्रतिनियुक्ति फिर से छह माह के लिए बढ़ा दी है।

सपा सरकार में प्रतिनियुक्ति पर आए थे

आंजनेय कुमार सिंह मूल रूप से यूपी के मऊ जिले के सलाहादबाद गांव के रहने वाले हैं। 16 फरवरी 2015 को वह सपा सरकार के समय में प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए थे। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद 19 फरवरी 2019 को आंजनेय कुमार सिंह को रामपुर का जिलाधिकारी बनाया गया था। पदोन्नति के बाद से आंजनेय मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं। वह सपा नेता आजम खां पर हुई कार्रवाई को लेकर देश भर में चर्चा में रहे।

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