संस्कृत के शब्द से हुआ है पर्यावरण का निर्माण

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पर्यावरण संस्कृत शब्द परित: आवरणम् से बना है। वेदों में पर्यावरण को प्

By Edited By: Publish:Mon, 23 Jan 2017 02:22 AM (IST) Updated:Mon, 23 Jan 2017 02:22 AM (IST)
संस्कृत के शब्द से हुआ है पर्यावरण का निर्माण
संस्कृत के शब्द से हुआ है पर्यावरण का निर्माण

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पर्यावरण संस्कृत शब्द परित: आवरणम् से बना है। वेदों में पर्यावरण को प्राकृतिक और मानव निर्मित पर्यावरण में विभाजित किया गया है। ये बातें मुख्य वक्ता सुधीर गुप्ता एडवोकेट ने एमआइटी में आध्यात्म ज्ञान एवं चिंतन सभा की बैठक में कहीं। वेदों में पर्यावरण संरक्षण पर बोलते हुए कहा कि बहुत से मंत्रों द्वारा पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश दिया गया है। साधारण व्यक्तियों को प्राकृतिक पर्यावरण का महत्व बताने के लिए वनस्पतियों को देवता तुल्य वर्णित किया है। पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास, वट के वृक्ष में भगवान ब्रह्मा का वास, आम में मां लक्ष्मी और बेल में भगवान शिव का वास बताया गया है। एक मंत्र में कहा गया है कि एक पीपल, एक नीम, एक बेर, दस फूल वाले पौधे, दो अनार, दो संतरे और पांच आम के पौधे लगाने वाले व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस दौरान कर्नल हर्षवर्धन, अमितव घोष, रवींद्र नाथ कत्याल, डॉ. अरविंद मोहन आदि मौजूद रहे।

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