दुख और कष्टों को हरेंगे सोमवारी व्रत

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद शिव आराधना के लिए अत्यंत फलदायी माने जाने वाले सावन का पहला सोमवार दो द

By Edited By: Publish:Sun, 24 Jul 2016 02:13 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jul 2016 02:13 AM (IST)
दुख और कष्टों को हरेंगे सोमवारी व्रत

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद

शिव आराधना के लिए अत्यंत फलदायी माने जाने वाले सावन का पहला सोमवार दो दिन बाद 25 जुलाई को है। इस दिन भोलेनाथ की विशेष पूजा का महत्व होता है। बड़ी संख्या में लोग सावन के सोमवार पर व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सोमवार का व्रत करने से हर व्रती को दुख, कष्ट और परेशानियों से छुटकारा मिलता है। महानगर के मंदिरों में भी सुबह से इस दिन विशेष आयोजन किए जाते हैं। श्रद्धालु दर्शन के लिए सूर्योदय से पहले ही लाइन लगा लेते हैं।

महानगर के प्रसिद्ध मंदिरों में पहले सोमवार को पूजा अर्चना के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। झाड़खंडी मंदिर में सोमवार को विशेष रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा शिव जी का दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक किया जाएगा। शाम को महिलाओं के कीर्तन के बाद विशेष आरती की जाएगी। इसी तरह सत्य श्री शिव मंदिर में भी रुद्राभिषेक होगा। सावन के हर सोमवार की शाम को कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। शिव शक्ति मंदिर में सावन के पहले सोमवार के दिन महामृत्युंजय के पाठ का आयोजन होगा।

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विधि-विधान से आराधना करने वाले को मिलता विशेष आशीर्वाद

शिव शक्ति मंदिर रामगंगा विहार के पुजारी हेमंत भट्ट के अनुसार सावन के सोमवार का व्रत करने से सुखी, निरोगी और समृद्ध जीवन का आनंद प्राप्त होता है। शिव जी की विधि-विधान से आराधना करने वाले भक्त को भगवान का विशेष आशीर्वाद मिलता है। इस दिन व्रत करने से बच्चों की बीमारी दूर होती है, दुर्घटना और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है, मनचाहा जीवनसाथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों का अंत होता है। भक्त का आध्यात्मिक उत्थान होता है।

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व्रत के दिन कैसे करें पूजा

- व्रतधारी को ब्रह्म मुर्हत में उठकर पानी में कुछ काले तिल डालकर नहाना चाहिए।

- भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से करें।

- विशेष अवसर या मनोकामना हो तो दूध, दही, घी, शहद, चने की दाल, सरसों तेल, काले तिल, आदि से अभिषेक करें।

- ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए श्वेत फूल, सफेद चंदन, चावल, पंचामृत, सुपारी, फल और गंगाजल या साफ पानी से भगवान शिव-पार्वती का पूजन करें।

- पूजन के दौरान महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र व भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप विशेष फलदायी साबित होता है।

- शिव-पार्वती की पूजा के बाद सावन के सोमवार की व्रत कथा जरूर करें।

- आरती करने के बाद भोग लगाएं और घर परिवार में बांटने के बाद ही स्वयं ग्रहण करें।

- दिन में केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करें वह भी नमक रहित।

- श्रद्धापूर्वक व्रत करें। अगर पूरे दिन व्रत रखना संभव न हो तो सूर्यास्त तक भी व्रत कर सकते हैं।

- चंद्र ग्रह से संबंधित समस्त दोषों का निवारण करने के लिए सोमवार को महादेव पर दूध अर्पित करें।

- समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए शिवलिंग पर प्रतिदिन गाय का कच्चा दूध अर्पित करें। ताजा दूध ही प्रयोग में लाएं, डिब्बा बंद अथवा पैकेट का दूध अर्पित न करें।

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इन्सेट--

पंचामृत से करें अभिषेक

मुरादाबाद,जासं : सावन के पहले सोमवार को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और बूरे का मिश्रण) से शिव जी का अभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा बेल पत्रों पर राम-राम या ओम नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। इक्कीस, ग्यारह, इक्यावन या 108 बेल पत्र चढ़ाना फलदायी होता है। इसके साथ भांग और धतूरे को ले सकते हैं। यह पूजन सूर्योदय के समय करना ज्यादा लाभकारी साबित होता है।

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