मंत्री का रिश्तेदार बताकर नकल की कोशिश

मुरादाबाद : एमएच कॉलेज में सुधार परीक्षा में एक छात्र नकल करते पकड़ा गया। टोकने पर पेपर छोड़कर प्राचा

By Edited By: Publish:Thu, 30 Oct 2014 01:56 AM (IST) Updated:Thu, 30 Oct 2014 01:56 AM (IST)
मंत्री का रिश्तेदार बताकर नकल की कोशिश

मुरादाबाद : एमएच कॉलेज में सुधार परीक्षा में एक छात्र नकल करते पकड़ा गया। टोकने पर पेपर छोड़कर प्राचार्य को धमकी देकर फरार हो गया। छात्र ने खुद को एक कैबिनेट मंत्री का रिश्तेदार बताया। कॉलेज प्राचार्य ने पुलिस में भी इसकी सूचना दे दी है।

एमएच कॉलेज में दोपहर की पाली में पेपर से पूर्व अंजान नंबर से मुख्य नियंता डॉ. विशेष गुप्ता के पास फोन आया। युवक ने खुद को एक कैबिनेट मंत्री का बेटा बताया और सैयद फैज मसूद पुत्र सैयद बाबर मसूद को परीक्षा में नकल कराने के लिए कहा। कहा वह मुस्लिम डिग्री कालेज का छात्र है, जिसका सेंटर केजीके कालेज में पड़ा है। कॉलेज प्रशासन ने फोन को गंभीरता से नहीं लिया। परीक्षा के दौरान वही छात्र नकल करते पकड़ा गया। शिक्षकों ने नकल करने से रोका तो वह धमकाते हुए कॉलेज से पेपर छोड़ कर चला गया। उसने अपने परिवार के साथ कॉलेज में आने और देख लेने की बात कही। परीक्षा के दौरान तीन अन्य छात्र भी नकल करते पकड़े गए। घटना के बाद काफी देर तक कॉलेज में हड़कंप मचा रहा। कॉलेज प्रशासन ने मामले की लिखित में सूचना कटघर थाने में देकर सुरक्षा की मांग की। प्राचार्य डॉ. हरबंश दीक्षित ने बताया अगली परीक्षा में इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए पुलिस बल की मांग की गई है। कॉलेज प्राचार्य ने घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया। बुधवार को 850 विद्यार्थियों की परीक्षा थी। जिसके चलते कॉलेज ने प्रसादी लाल झंडू रस्तोगी इंटर कॉलेज में चार सौ विद्यार्थियों की परीक्षा दिलाई। परीक्षा दिलाने के लिए इंटरमीडिएट के लगभग 50 शिक्षकों को बुलाना पड़ा।

मुझे नहीं पता की वह कौन छात्र है। अगर नकल करते पकड़ा गया है तो परीक्षा केंद्र द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए। उसके बाद कॉलेज स्तर से कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. जमील अहमद, प्राचार्य, मुरादाबाद मुस्लिम डिग्री कॉलेज

परीक्षा में लगाई गैर शिक्षकों की ड्यूटी

केजीके कॉलेज में भी परीक्षा में सुबह की पाली में 1100 और शाम की पाली में 900 के लगभग छात्रों ने परीक्षा दी। कॉलेज प्राचार्य डॉ. पीके शुक्ला ने बताया परीक्षा में अधिक विद्यार्थी होने की वजह से गैर शिक्षकों की ड्यूटी भी परीक्षा में लगानी पड़ी।

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