कबाड़ी की दुकान में विस्फोट से हड़कंप

मुरादाबाद : थाने के करीब कबाड़ी की दुकान में धमाका होने से हड़कंप मच गया। हालांकि इसमें किसी के घायल ह

By Edited By: Publish:Wed, 01 Oct 2014 09:34 PM (IST) Updated:Wed, 01 Oct 2014 09:34 PM (IST)
कबाड़ी की दुकान में विस्फोट से हड़कंप

मुरादाबाद : थाने के करीब कबाड़ी की दुकान में धमाका होने से हड़कंप मच गया। हालांकि इसमें किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई है। धमाके के बाद पुलिस ने मुख्य मार्ग पर अभियान चलाकर वाहनों की तलाशी ली। वहीं छजलैट पुलिस ने कबाड़ व्यापारी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। फारेंसिक व क्राइम ब्रांच की टीमों ने क्षेत्र में डेरा डाल दिया है।

अमरोहा देहात के ग्राम बागड़पुर निवासी सलाउद्दीन की छजलैट थाने के पास कई वर्षो से कबाड़ी व कृषि यंत्र बनाने की दुकान है। मंगलवार तड़के तीन बजे सलाउद्दीन की दुकान में तेज धमाके की आवाज आई। इसके बाद लगातार चार धमाके और हुए, जिससे छजलैट व निकटवर्ती ग्रामों में अफरा तफरी का माहौल बन गया। लोग धमाके की आवाज सुनकर घरों से निकलकर दुकान के सामने आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चारों तरफ धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था। धुआं छटने पर पता चला कि धमाका सलाउद्दीन की दुकान में हुआ है। धमाकों की आवाज से दुकान के नजदीक में रह रहा अख्तर का परिवार जंगल में भाग गया। घटना की जानकारी जिला मुख्यालय को दी गई जहां से वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार शर्मा व क्राइम ब्रांच की टीम ने आकर दुकान की जांच शुरू की। टीम को मौके से साठ-सत्तर सिलेंडर मिले हैं। प्रत्येक सिलेंडर का वजन दो किलो है।

पहले स्क्रैप में मिला था विस्फोटक

छजलैट में मिला विस्फोट मुरादाबाद के लिए कोई नया नहीं है। इसके पहले भी नागफनी थानाक्षेत्र में नाला सफाई के दौरान विस्फोटक सामग्री और देशी डिब्बों में कसे हुए बम पुलिस को मिल चुके हैं। मैनाठेर और कुंदरकी में भी स्क्रैप की दुकान में विस्फोटक सामग्री बरामद हो चुकी है। त्योहारों के सिर पर होने से लगातार इस तरह की घटनाएं पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं।

वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि मौके से मिला रसायन सोडियम, पोटेशियम या फास्फोरस हो सकता है। दुकान से बरामद सिलेंडर पर डीएडी मार्क मौजूद है। यह इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट है। मौके से दो-दो किलो के 60 से 70 सिलेंडर बरामद हुए हैं। सभी सिलेंडर टीन के ड्रम में रखे थे। ढाई साल में तली गलने के कारण सिलेंडर नमी के संपर्क में आ गए और विस्फोट हो गया। सभी सिलेंडरों को केरोसिन में डालकर निष्क्रिय किया गया है। जांच के लिए नमूने आगरा की फोरेंसिक लैब भेजे जा रहे हैं।

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