रेल बजट में जनपदवासी एक बार फिर हुए मायूस
शुक्रवार को पेश किए रेल बजट में एक बार फिर जनपद वासियों को निराशा किया गया। बजट में मीरजापुर को कुछ नहीं दिया गया। न किसी ट्रेन का ठहराव न ही किसी स्टेशन के सुंदरीकरण या अन्य विकास कार्य के लिए बजट देने की घोषणा की गई।
जागरण संवाददाता मीरजापुर : शुक्रवार को पेश किए रेल बजट में एक बार फिर जनपद वासियों को निराशा किया गया। बजट में मीरजापुर को कुछ नहीं दिया गया। न किसी ट्रेन का ठहराव न ही किसी स्टेशन के सुंदरीकरण या अन्य विकास कार्य के लिए बजट देने की घोषणा की गई। इससे जनपद वासियों को इस रेल बजट से काफी मायूसी छायी रही। उन्हें आशा थी कि इस बार के रेल बजट में जनपद के लिए कुछ न कुछ जरुर होगा लेकिन नहीं हुआ हालांकि यात्री किराए में कोई बढ़ोत्तरी न करके उनको थोड़ी बहुत राहत जरुर प्रदान की गई है।
पिछले एक सप्ताह से जनपद के लोगों ने आस लगाए थे कि शुक्रवार को पेश होने वाले रेल बजट में इस बार सरकार मीरजापुर रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण कराने के लिए बजट जरुर जारी करेगी। यहीं नहीं अहरौरा रोड पर नई रेल लाइन बिछाने एवं कुछ पर्यटन स्थलों पर रेल लाइनों को बिछाने का ऐलान किया जाएगा। इसके अलावा सभी ने सोचा था कि जनपद में इस बार एक राजधानी ट्रेन का ठहराव जरुर होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जनपद वासियों के उम्मीदों पर रेल बजट खरा नहीं उतरने पर उनको काफी निराशा हाथ लगी। इनसेट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पेश किए गए रेल बजट में रेलवे का निजी करने के साफ संकेत दे दिए। कहा कि उनके इस निर्णय से आने वाले दिनों में रेलवे का भविष्य काफी अच्छा होगा। रेल बजट मे साफ सुरिक्षत औश्र समयबद्ध रेल यात्रा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल और मेट्रो प्रोजेक्ट में पीपीपी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप मॉडल के जरिए निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने रेलवे ट्रैक के लिए पीपीपी मॉडल को मंजूरी दी है। कहाकि इससे रेलवे का विकास काफी तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि 2018 से 2030 के बीच रेलवे के ढाचे को बदलने के लिए 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। बताया कि रेलवे की पूंजी परिव्य प्रतिवर्ष डेढ़ से एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये है। इसलिए मंजूर परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए कई दशक लग जाएंगे। इसलिए तीव्र विकास, पटरिया बिछाने, यात्री मालभाड़ा सेवाओं की सुपुर्दगी के लिए पीपीपी मॉडल का इस्तेमाल किया जाएगा।
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सुरक्षा पर रहा फोकस
रेल बजट में इस बार सुरक्षा पर ज्यादा फोकस रहा। सुरक्षित यात्रा प्रदान करने के लिए ट्रेनों में सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने को कहा गया। जिससे यात्रियों को हर समय सुरक्षा मिल सके।