उत्पादों से जोड़कर ब्रांड के लिए करवाएं प्रशिक्षित

जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के संबंध में बैठक संपन्न हुई। उद्योन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों से जिलाधिकारी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र की ईकाइयों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना प्रारंभ की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 06:27 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2020 11:30 PM (IST)
उत्पादों से जोड़कर ब्रांड के लिए करवाएं प्रशिक्षित
उत्पादों से जोड़कर ब्रांड के लिए करवाएं प्रशिक्षित

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के संबंध में बैठक हुई। उद्योग व कृषि विभाग के अधिकारियों से डीएम ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र की इकाइयों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना प्रारंभ की गई है। योजनांतर्गत उत्तर प्रदेश के 37 हजार 805 सूक्ष्म उद्यमों को लाभांवित कर एक लाख 70 हजार 123 कुशल व अ‌र्द्धकुशल रोजगार उत्पन्न कराना है। डीएम ने उद्यान व कृषि विभाग के अधिकारियों को योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया।

जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि सूक्ष्य उद्यमियों की क्षमता में वृद्धि करने के लिए जीएसटी, एफएफएसआई, मानकों के लिए पंजीकृत निवेश के लिए सहायता देना है। कुशल प्रशिक्षण व तकनीकी जानकारी प्रदान करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। बैंक ऋण प्राप्त करने व डीपीआर तैयार करने के लिए हैंड होल्डिग सहायता प्रदान करना है। बताया कि योजना वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षो के लिए लागू की गई है। योजनांतर्गत पूर्व से स्थापित वह इकाइयां पात्र होंगी। इनमें दस से कम कार्मिक न्यूनतम कक्षा आठ उत्तीर्ण हों। निजी उद्यमियों को सहायता के लिए उद्यम का उन्नयन करके इच्छुक व्यक्ति सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इसकी अधिकतम लागत दस लाख है। स्वयं सहायता समूह व कोआपरेटिव को 35 प्रतिशत क्रेडिट लिक्ड अनुदान प्रदान किया जाएगा। इन संगठनों को उनके द्वारा तैयार की गई डीपीआर व राज्य नोडल एजेंसी द्वारा दिए गए अनुमोदन के आधार पर ब्राडिग एवं मार्केटिग के लिए सहायता दी जाएगी। व्यक्तिगत सूक्ष्य उद्यमों को ऋण व सब्सिडी के लिए आवेदनों का अनुमोदन, राज्य नोडल एजेंसी को कामन इंफ्रास्ट्रक्चर और समूहों के आवेदनों की संस्तुति, डैशबोर्ड, पोर्टल के माध्यम से योजना का अनुश्रवण व सभी संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करना है। वित्तीय प्रबंध के बारे में बताया कि योजना का वित्त पोषण भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा क्रमश: 60-40 के अनुपात में किया जाएगा। डीएम ने कहा, योजना के अंतर्गत टमाटर की खेती व अन्य उत्पादों से जोड़कर उससे बनाए जाने वाले ब्रांड के लिए लोगों को प्रशिक्षित कर लाभांवित किया जाए। जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति, लीड बैंक प्रबंधक के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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