पर्यटन विकास के लिए जिले को नहीं मिली कोई सौगात
प्रदेश सरकार के बजट में जिले के पर्यटन स्थलों के विशेष पैकेज की उम्मीद सभी को थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पर्यटन विकास के लिए कोई विशेष राहत पैकेज नहीं मिलने से लोगों में मायूसी है। सबसे ज्यादा झटका विध्यवासिनी कारिडोर की कवायद को मिला है जिसके लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रदेश सरकार के बजट में जिले के पर्यटन स्थलों के विशेष पैकेज की उम्मीद सभी को थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पर्यटन विकास के लिए कोई विशेष राहत पैकेज नहीं मिलने से लोगों में मायूसी है। सबसे ज्यादा झटका विध्यवासिनी कारिडोर की कवायद को मिला है जिसके लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।
शासन की प्राथमिकताओें में विध्य कारिडोर की चर्चा कई महीनों से है। खुद मुख्यमंत्री ने अपने मीरजापुर दौरे के दौरान इस योजना को लेकर अधिकारियों से प्रजेंटेशन लिया। साथ ही जिला प्रशासन व नगर पालिका प्रशासन द्वारा यहां के भवनों को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है। प्रशासन ने जहां 60 भवनों व कुल 92 संपत्तियों का सत्यापन किया है। वहीं नगर पालिका परिषद ने भी 72 भवनों का सत्यापन किया है। विध्यवासिनी कारिडोर को लेकर विध्याचल में विरोध भी चल रहा है और प्रशासन लगातार आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। इसके बावजूद विध्यवासिनी कारिडोर पर कोई एलान नहीं किया गया। एक तरफ प्रदेश भर में धार्मिक पर्यटन बढ़ाने के लिए कई योजनाओं को स्वीकृति दी गई है। विध्याचल के स्थानीय लोगों ने बताया कि बजट में संपूर्ण विध्यक्षेत्र के विकास के लिए भी कोई योजना घोषित नहीं की गई है।
पर्यटन क्षेत्र को मिली मायूसी
प्रदेश की पूर्व पर्यटन मंत्री रहीं रीता बहुगुणा जोशी ने 2019 में जिले का दौरा किया था और जनपद के सभी पर्यटक स्थलों के विकास का भरोसा दिया था। पेश किए गए बजट में जिले के पर्यटन विकास के लिए कोई घोषणा नहीं की गई जिससे स्थानीय लोगों को निराशा हाथ लगी है। जिले में करीब दर्जनभर पर्यटक स्थल ऐसे हैं जिनका विकास किया जाए तो यहां के पर्यटन को चार चांद लग सकता है।